मॉक ड्रिल के दौरान क्या जानबूझकर रोकी गई ऑक्सीजन की सप्लाई, होगी जांच
आगरा, 09 जून । उत्तर प्रदेश सरकार आगरा के प्राइवेट अस्पताल में मॉक ड्रिल के दौरान हुई 22 लोगों की मौत के मामले की जांच कराएगी। हादसे के बाद सरकार की ओर से अस्पताल को सीज कर दिया गया और सरकार की ओर से आदेश दिया गया है कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाए। अस्पताल को सीज करने के बाद मरीजों को दूसरी जगह ट्रांसफर किया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार मॉक ड्रिल के दौरान अस्पताल में 22 लोगों की मौत हो गई है, जिसके बाद आदेश दिया गया है कि इस बात की जांच की जाए क्या ऑक्सीजन की सप्लाई जानबूझकर बंद की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार 26 अप्रैल को पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी गई थी, जिसके बाद मरीजों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ा और 22 लोगों की इसकी वजह से मौत हो गई।
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मरीज और परिजन परेशान
अस्पताल के सीज होने की वजह से यहां भर्ती मरीजों और उनके परिजनों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। एक परिजन ने बताया कि मेरे पिता का कल ऑपरेशन हुआ है, अभी उनका घाव भरा नहीं है, ऐसी स्थिति में मैं उन्हें कहां लेकर जाऊं। मैं प्रशासन से अपील करता हूं कि वह हमे कुछ समय दें। एक अन्य परिजन लाल कुमार ने कहा कि हमारा मरीज 15 दिन पहले भर्ती हुआ है, उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं है, हमे कहा गया है कि मरीज को डिस्चार्ज कराएं। हमे नहीं पता कि हम मरीज को कहां लेकर जाएं।
वीडियो सामने आने से मचा हड़कंप
दरअसल इस पूरी घटना का एक वीडियो सामने आया है जिसमे देखा जा सकता है कि श्री पारस अस्पताल के मालिक अरिंजय जैन कहते हैं कि उन्होंने 26 अप्रैल को सुबह 7 बजे ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे शहर को देखते हुए मॉकड्रिल कराया, जिसमे 22 लोगों को बाहर किया गया जब उनका शरीर नीला पड़ गया। हालांकि जैन ने मंगलवार को आरोपो से इनकार किया है और कहा कि इस तरह की कोई मॉक ड्रिल नहीं की गई थी।
स्वास्थ्य मंत्री ने दिया जांच का आदेश
वहीं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने इस पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि आगरा के पारस अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी के मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, साथ ही अस्पताल को सील कर दिया गया है। जांच कमेटी को निर्देश दिया गया है कि वह अपनी जांच रिपोर्ट को प्रदेश सरकार को सौंपे। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। आगरा के डीएम प्रभु एन सिंह ने भी आदेश दिया है कि जैन को महामारी एक्ट के उल्लंघन के आरोप में बुक किया जाए क्योंकि उन्होंने गलत अलार्म बजाया और सरकारी आदेश का उल्लंघन किया। हालांकि डीएम ने इस बात से इनकार किया है कि 26 अप्रैल को 22 लोगों की मौत हुई है।
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डीएम ने मौतों से किया इनकार
डीएम ने कहा कि श्री पारस अस्पताल के पास पर्याप्त ऑक्सीजन थी और यह सच नहीं है कि अस्पताल में 22 लोगों की ऑक्सीजन की कमी से मृत्यु हो गई है। हालांकि जो वीडियो शेयर किया जा रहा है उसकी जांच की जाएगी और जरूरी कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल जो 55 मरीज अस्पताल में भर्ती थे उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। आगरा के सीएमओ डॉक्टर आरसी पांडे ने भी दो अडिशनल सीएमओ को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं, जो अपनी रिपोर्ट दो दिन के भीतर जमा करेगी।