असम: NRC से कट सकते हैं करीब 10 हजार नाम, अधिकारियों ने शुरू की अपात्र लोगों की जांच
नई दिल्ली: असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत करीब 10 हजार अपात्र लोग और उनके वंशजों का नाम इससे हटाया जाएगा। एनआरसी के राज्य समन्वयक हितेश देव सरमा ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं। साथ ही सभी जिलास्तर के अधिकारियों को पत्र भी जारी कर दिया है। असम में एनआरसी को लेकर काफी लोग पहले से ही सरकार से नाराज चल रहे हैं।
हितेश देव के मुताबिक डीएफ (घोषित विदेशी) / डीवी (संदिग्ध मतदाता) / पीएफटी (विदेशी ट्रिब्यूनलों में लंबित) की श्रेणियों के कुछ लोगों के नाम एनआरसी में आ गए हैं। जिसको लेकर साफ निर्देश जारी किया गया है कि इन लोगों की पहचान की जाए। साथ ही उनका नाम एनआरसी से काट दिया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में NRC के अंतिम प्रकाशन से पहले किसी भी समय व्यक्तियों के नामों का सत्यापन और उसे हटाया जा सकता है। नियम के तहत इसकी शक्तियां भी अधिकारियों के पास हैं, हालांकि नाम हटाने का उचित कारण उन्हें देना पड़ेगा।
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एनआरसी में कितने नामों की कटौती हो रही है, उसका जिक्र राज्य समन्वयक हितेश देव सरमा ने नहीं किया है, लेकिन इस प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक करीब 10 हजार लोगों के नाम कट सकते हैं, जिसमें सभी समुदाय के लोग शामिल हैं। NRC का एक संस्करण जुलाई में जारी हुआ था, जिसमें करीब 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं थे। अब अगले महीने तक एक और सूची आएगी, जिसमें ये संख्या 19 लाख तक आ जाएगी।