मौसम विभाग ने जारी किया मानसून का ताजा हाल,सामान्य से 2.5 फीसदी कम हुई बारिश
नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने एक नाटकीय बदलाव देखने को मिल रहा है। अब मौसमी बारिश की स्थिति में समान्य से अधिक की आशंका जाताई जा रही है। इससे पहले जून-सितंबर के दौरान मानसून में कमजोरी देखने को मिली थी, जिसके बाद सूखे की आशंका जताई जा रही थी। दो सप्ताह की मूसलाधार बारिश के बाद, बारिश सामान्य स्तर से सिर्फ 2.5% कम रह गई है। जून में ऐसी आशंका जताई गई थी कि, इस साल कई राज्य सूखे की चपेट में रहने वाले हैं।
लेकिन इस महीने में बारिश सामान्य से 39% अधिक रही है। जिसने पिछले साल इस समय भारत के 103 प्रमुख जलाशयों को 99% स्तर तक भरने में मदद की थी। एक सप्ताह पहले तक ये जलाशय 74 फीसदी ही भर पाए थे। ये जलाशय मानसून के बाद पीने, सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए पानी का भंडारण करते हैं। दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मिजाज तय करती है क्योंकि भारत के आधे से अधिक खेती पूरी तरह से सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर करते हैं।
अच्छा मानसून फसल उत्पादन और ग्रामीण आय को बढ़ाता है, जो ग्रामीण भारत में ऑटोमोबाइल, उपभोक्ता वस्तुओं, सोने और अन्य वस्तुओं की मांग में वृद्धि करता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) को उम्मीद है कि देश के कई हिस्सों में भारी बारिश जारी रहेगी। मौसम विभाग ने अगले सात दिनों के पूर्वानुमान में कहा है कि गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों और छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
वहीं देश में मानसून की रफ्तार धीमी पड़ गई है। हालांकि रुक-रुक कर हो रही बारिश से तापमान में कमी आई है। राजधानी में आज सुबह से बादल छाए हुए हैं। हालांकि मौसम विभाग ने अभी दो-तीन दिनों तक बारिश की चाल सुस्त रहने का अंदेशा जताया है। शुक्रवार को लखनऊ का न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, अभी मानसूनी गतिविधियां धीमी होने के कारण दो-तीन दिनों तक बारिश का सुस्त दौर जारी रहेगा। हालांकि इस बीच बादलों की आवाजाही, हवा के झोंकों के बीच कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश होने की उम्मीद है।
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