ट्रिपल तलाक पर जीत के बाद मुस्लिम महिला संगठन ने मांगे ये अधिकार
जाकिया सोमन ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी राजनीतिक दल और सरकार मिलकर एक ऐसा मुस्लिम परिवार कानून बनाएं जिसमें मुस्लिम महिलाओं की चिंताओं का ध्यान रखा जाए।
नई दिल्ली। मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक की प्रथा के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने वाले संगठन 'भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन' (बीएमएमए) ने मुस्लिम परिवार कानून को लेकर एक मसौदा तैयार किया है जो कुरान पर आधारित है साथ ही संवैधानिक मूल्यों का भी पालन करता है। बीएमएमए के सह-संस्थापक जाकिया सोमन ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि भारत में मुस्लिम महिलाओं के सामने कानूनी भेदभाव को खत्म करने का लक्ष्य है।
जाकिया सोमन ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी राजनीतिक दल और सरकार मिलकर एक ऐसा मुस्लिम परिवार कानून बनाएं जिसमें मुस्लिम महिलाओं की चिंताओं का ध्यान रखा जाए। बेहतर होगा कि यह हिंदू विवाह अधिनियम की तर्ज पर हो। आपको बता दें कि बीएमएमए ने कुछ महीने पहले भी मुस्लिम परिवार कानून का एक मसौदा पेश किया था और इसे सरकार के पास भी भेजा था।
मुस्लिम महिलाओं की हक की लड़ाई लड़ने वाली संस्था 'भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन' मुस्लिम महिलाओं के सामने आने वाली कानूनी भेदभाव को खत्म करना चाहता है। बीएमएमए के मसौदे में तलाक के तरीकों, बहुपत्नी के प्रश्न, निकाह हलाला और मट की बात की गई है।
बीएमएमए की तरफ से जो मसौदा तैयार किया गया है उसमें निकाह हलाला और मुटा विवाह को खत्म करने की बात कही गई है। साथ ही मुस्लिम महिलाओं का घरेलू हिंसा के तहत केस दायर करने का अधिकार देने की मांग की गई है। बीएमएमए इस मसौदे के अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगा और लोगों से अपनी राय मांगेगा साथ ही इस मसौदे के सांसदों और सिविल सोसाइटी के प्रमुख लोगों के पास विचार के लिए भेजा जाएगा।