तीन तलाक़ पर फ़ैसले के बाद इशरत जहां का जीना मुहाल
पांच शिकायतकर्ताओं में से एक हैं इशरत, मुख्यमंत्री से मांगी सुरक्षा.
तीन तलाक़ का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने वाली पांच याचिकाकर्ताओं में से एक इशरत जहां ने आरोप लगाया गया है कि फ़ैसले के बाद उन्हें परेशान और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.
कोलकाता के पास हावड़ा की रहने वाली इशरत को अपनी जान का भी डर बना हुआ है. उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से सुरक्षा की मांग की है.
मूल रूप से बिहार की रहने वाली 30 साल की इशरत चार बच्चों की मां हैं. उन्होंने बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा, "फ़ैसला आने के बाद से पड़ोसी और मेरे पूर्व पति के रिश्तेदार लगातार मेरे ऊपर तंज़ कस रहे हैं और दुर्व्यवहार कर रहे हैं."
उन्होंने बताया, "वो बोलते हैं कि अच्छी महिलाएं अदालतों और पुलिस थानों के चक्कर नहीं लगाया करतीं. यहां तक कि मेरे बच्चों से कहा जा रहा है कि मैं बढ़िया औरत नहीं हूं."
तीन तलाक़ को चुनौती देने वालीं अतिया
वो मामला जिसके चलते तीन तलाक़ असंवैधानिक क़रार दिया गया
हक़ के लिए लड़ने वाली महिला 'बुरी'
वो पूछती हैं, "अगर एक महिला को मर्द अचानक छोड़ देता है और वो महिला अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करती हैं तो क्या वो कोई ग़लत काम कर रही है?"
इशरत जिस फ़्लैट में अपने दो बच्चों के साथ रहती हैं, उसमें उनके पूर्व पति के बड़े भाई भी रहते हैं.
इशरत की वकील नाज़िया इलाही ख़ान आरोप लगाती हैं, "इस फ़्लैट में सिर्फ उस कमरे में बिजली का कनेक्शन है जहां इशरत के पूर्व पति के बड़े भाई रहते हैं, लेकिन इशरत के कमरे में कोई बिजली का कनेक्शन नहीं है. वहां की बिजली काट दी गई है."
ख़ान कहती हैं, "इशरत उस कमरे में अपने दो बच्चों के साथ अकेले रहती हैं. रात में कुछ भी हो सकता है. इसीलिए उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री से अपील की है. और अगर ये मुहैया नहीं कराया जाता तो इस बारे में हमें सुप्रीम कोर्ट को सूचना देनी पड़ेगी."
पुलिस का क्या कहना है?
हालांकि पुलिस का कहना है कि उन्हें इशरत जहां की ओर से इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है.
हावड़ा के सिटी पुलिस कमिश्नर डीपी यादव कहते हैं, "दुर्व्यवहार, मानसिक प्रताड़ना आदि की शिकायतें आई हैं, लेकिन अगर वो ठोस शिकायत लेकर नहीं आती हैं कि आख़िर वो दुर्व्यवहार या मानसिक उत्पीड़न क्या है या उनपर कौन तंज़ कस रहा है, तो हम कैसे क़ानून के तहत कार्रवाई करें? और किसके ख़िलाफ़ करें?"
डीपी यादव कहते हैं, "इन्हीं आरोपों को लेकर कई संगठनों के प्रतिनिधि मुझसे मिल चुके हैं लेकिन उन्होंने ख़ुद हमसे संपर्क नहीं किया. एक बार ठोस शिकायत आए तो क़ानून के तहत आसानी से कार्रवाई की जा सकती है."
उन्होंने बताया कि हालांकि जहां इशरत रहती हैं, उस इलाक़े में पुलिस टीम ने कई बार दौरा किया है.
लड़ाई अभी जारी है
सुरक्षा की मांग करने वाली इशरत का पहला क़दम होगा कि उनके पूर्व पति की घरेलू हिंसा के मामले में गिरफ़्तारी हो.
इशरत कहती हैं, "अभी मेरी लड़ाई ख़त्म नहीं हुई है. मेरी अगली लड़ाई है, मेरे पूर्व पति से गुज़ारा भत्ता लेना. मुझे अपने बच्चों और ख़ुद के भविष्य के लिए इसकी ज़रूरत है. हमें पता चला है कि मेरे पूर्व पति जल्द ही दुबई से भारत आने वाले हैं. मैं चाहती हूं कि जैसे ही वो दिल्ली हवाईअड्डे पर उतरें, उन्हें गिरफ़्तार किया जाए."
अपने अधिकारों के लिए लड़ने वाली महिलाओं के लिए इशरत एक आदर्श बन चुकी हैं वो ऐसी महिलाओं की मदद भी करना चाहती हैं. वो चाहती हैं कि उनका उनका चेहरा सभी लोग देखें, ताकि देखकर ऐसी महिलाओं में साहस आ सके.
इसीलिए उन्होंने अपने चेहरे से हिज़ाब हटा दिया है. इससे पहले वो अपना चेहरा ढंक कर रखती थीं. हालांकि वो अभी भी नक़ाब पहनती हैं.