केंद्र के बाद महाराष्ट्र सरकार ने किया दावा ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई किसी की मौत
मुंबई, 21 जुलाई। केंद्र सरकार के दावे के दिन बाद महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को दावा किया कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है जो यह दर्शाती हो कि महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की कमी के कारण एक मरीज की मौत हुई है।
टोपे ने कहा "महाराष्ट्र में ऐसी घटना कभी नहीं हुई और इस संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं है। 100% औद्योगिक उत्पादन को लिक्विड चिकित्सा ऑक्सीजन के लिए शुद्धता के साथ परिवर्तित किया गया था क्योंकि हम राज्य में सभी को ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध थे। यहां तक कि केंद्र सरकार ने भी हमारी मदद की जब हम कम चल रहे थे और महामारी के चरम पर हमें 200-300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी। राजेश टोपे ने आगे कहा कि राज्य ने इस संबंध में अदालत में एक हलफनामा भी दिया है।
टोपे ने ये भी कहा कि "यह एक वास्तविकता है। हमने ऑक्सीजन के लिए उद्योगों से राज्य में उत्पादित होने वाली सभी ऑक्सीजन का उपयोग किया। सभी जिलों के लिए लॉजिस्टिक सुविधाएं बनाई गईं और उद्योगों की चोरी न हो यह देखने के लिए निगरानी की गई। इसकी शुद्धता बनी रही, और हमने सफल ऑक्सीजन प्रबंधन और संरक्षण किया। यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए गए कि राज्य में ऑक्सीजन की बर्बादी न हो।"
बता दें महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री टोपे का ये बयान केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा को बताए जाने के एक दिन बाद आया है कि 2021 में दूसरी कोविड -19 लहर के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी भी मौत की "विशेष रूप से रिपोर्ट" नहीं की गई थी। ऑक्सीजन की कमी के कारण पीड़ित कोविड -19 रोगियों पर मीडिया रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि उन्होंने विभिन्न राज्यों की स्थितियों के बारे में पढ़ा था और ऐसे उदाहरण भी हो सकते थे जहां ऑक्सीजन की कमी के कारण रोगियों की मृत्यु हो सकती थी।