हाइड्रोजन बम बनाने वाले नॉर्थ कोरिया को रोकने के लिए अब आगे आया भारत
नई दिल्ली। उत्तर कोरिया ने एक बार फिर ऐसा काम किया है जिसने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। उत्तर कोरिया ने जापान के ऊपर से एक बार फिर मिसाइल दागी है। इससे पहले उत्तर कोरिया ने रविवार को दावा किया था कि उसने करीब 100 किलोटन के हाईड्रोजन बम का सफल परीक्षण किया है। इस परीक्षण के बाद उत्तरी हमक्योंग प्रांत के किजी इलाके में करीब 5.7 और 4.6 तीव्रता के भूकंप महसूस किए गए हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने उत्तर कोरिया के इस कदम पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन है और कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु मुक्त बनाने के उद्देश्य के खिलाफ जाता है, जिसकी खुद उत्तर कोरिया ने भी पैरवी की है।
मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि उत्तर कोरिया से अपील है कि इस तरह के कार्यों से बचे। यह क्षेत्र और उसके बाहर शांति और स्थिरति पर बुरा असर डाल सकता है। भारत ने परमाणु और मिसाइल टेक्नॉलजी के प्रसार पर भी चिंता जाहिर की है, जिसने देश की सुरक्षा पर प्रतिकूल असर डाला है। भारत के अलावा चीन और जापान ने भी हाइड्रोजन बम के परीक्षण का विरोध किया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, विदेश मंत्री ने एक बयान जारी कर उत्तर कोरिया के इस कदम पर दृढ़ता से विरोध जताया है और कड़ी निंदा की है।
जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने जापान के मौसम विभाग की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर इस परीक्षण की पुष्टि की। इसके बाद जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि परमाणु परीक्षण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आपको बता दें कि उत्तर कोरिया ने जिस परमाणु बम का परीक्षण किया है वो जापान के नागासाकी शहर पर 1945 में गिराए गए बम से चार-पांच गुना ज्यानदा शक्तिशाली है।
भारत के लिए क्यों है खतरे की बात
भारत के लिए परेशानी की बात यह है नॉर्थ कोरिया ने जो परीक्षण किया है, वह पाक के साथ इसकी फाइडिंग्स को साझा कर सकता है। अगर ऐसा हुआ तो फिर इसके काफी गहरे असर हो सकते हैं। नॉर्थ कोरिया की ओर से साझा जानकारियां पाक के छोटे हथियारों की क्षमता को बढ़ा सकती है, जो कि पाक सेना के लिए काफी अहम साबित हो सकते हैं। यह ऐसे हथियार होते हैं जिन्हें छोटी दूरी की मिसाइलों पर फिट करके किसी आसपास के इलाके में फायर किया जा सकता है।