केंद्र के बाद बिहार सरकार का फैसला, साल भर 15% कटेगी CM, मंत्रियों-विधायकों की सैलरी
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की चपेट में भारत के अधिकांश राज्य आ चुके हैं। सबसे ज्यादा खराब स्थिति महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना आदि राज्यों की है। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। एक अनुमान के कारण लॉकडाउन की वजह से देश को रोजाना 8 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है। वहीं कोरोना के खिलाफ इस जंग में केंद्र और राज्य सरकारों ने अपनी पूरा ताकत झोंक दी है।
पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली से लौटे तबलीगी जमात के लोगों की तुलना ' मानव बम' से की
केंद्र के नक्शेकदम पर बिहार सरकार
केंद्र सरकार ने सांसदों की सैलरी में 30 प्रतिशत की कटौती की और एमपी लैड को दो साल के लिए रोक लगा दिया तो अब वहीं बिहार सरकार भी केंद्र सरकार के नक्शेकदम पर चल रही है। बिहार सरकार ने 1 साल के लिए मुख्यमंत्री, मंत्रियों और प्रदेश के विधायकों की सैलरी में कटौती का फैसला किया है। बिहार सरकार ने 1 साल तक सीएम, मंत्रियों और विधायकों की सैलरी में 15 फीसदी की कटौती का फैसला किया है। कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें सैलरी कटौती के अलावा 29 फैसलों को मंजूरी दी गई।
इन राज्यों ने भी की कटौती
वहीं
बिहार
सरकार
के
साथ-साथ
उत्तर
प्रदेश
और
उत्तराखंड
की
सरकार
ने
भी
सैलरी
में
कटौती
और
विधायक
फंड
रोकने
की
घोषणा
की
है।
यूपी
सरकार
ने
यूपी
सरकार
के
मंत्री
और
विधायकों
की
सैलरी
में
30
फीसदी
की
कटौती
की
तो
वहीं
बिहार
सरकार
ने
सालभर
के
लिए
सैलरी
में
15
फीसदी
की
कटौती
की
है।
जबकि
उत्तराखंड
सरकार
ने
विधायकों
और
मंत्रियों
की
सैलरी
में
30
प्रतिशत
कटौती
का
फैसला
किया
है।
राज्य
सरकारों
ने
फैसला
किया
है
कि
मंत्रियों
और
विधायकों
की
सैलरी
में
की
गई
कटौती
से
जमा
फंड
का
इस्तेमाल
कोरोना
संक्रमण
को
रोकने
के
लिए
इस्तेमाल
होगा।
सैलरी कटौती से सरकार जुटाएगी साढ़े 17 करोड़
आपको बता दें कि यूपी सरकार ने भी विधायको,मंत्रियों की सैलरी में कटौती का फैसला किया है। यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के मुताबिक प्रदेश के सभी मंत्रियों के वेतन और भत्ते की 30 फीसदी की कटौती से सरकार के पास 2,21,76,000 रुपए जमा होंगे। वहीं 503 विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों को मिलने वाली विधायक निधि से 15,28,74,000 रुपए फंड जमा होगा। इस कटौती से यूपी सरकार 1 साल में करीब 17,50,50,000 रुपए जमा कर लेगी।