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लद्दाख में नया सवेरा आने से क्यों बेचैन है चीन, क्या युद्ध का भी मंडरा रहा खतरा ?

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नई दिल्ली। लद्दाख के केन्द्रशासित प्रदेश बनने से चीन क्यों बौखलाया हुआ है? चीन ने जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन को गैरकानूनी कहा है। लेकिन भारत ने चीन को दो टूक कह दिया है कि वह उसके आंतरिक मामले में दखल न दे। भारत ने संवैधानिक प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर में नयी प्रशासनिक व्यवस्था कायम की है। चीन या पाकिस्तान को इस मामले में बोलने का कोई हक नहीं है। भारत ने चीन को याद दिलाया है कि वह अपने गिरेबां में झाकें और बताये कि कश्मीर के बड़े भूभाग पर उसने क्यों कब्जा कर रखा है। लद्दाख को केन्द्रशासित प्रदेश बनाये जाने पर चीन ने कहा है ऐसा कर के भारत ने उसकी संप्रभुता को चुनौती दी है। चीन के इस इरादे से सीमा पर तनाव बढ़ गया है। जब से लद्दाख यूनियन टेरेटरी बना है तब से सीमा पर कई बार भारत और चीन के सैनिक टकरा चुके हैं। चीन के साथ भारत- भूटान सीमा पर डोकलाम में पहले से विवाद चल रहा है। अगर सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन में युद्ध होता है तो क्या होगा?

लद्दाख में नया सवेरा

लद्दाख में नया सवेरा

लद्दाख पूर्व में जम्मू कश्मीर राज्य का हिस्सा था। लद्दाख उत्तर में काराकोरम पर्वत और दक्षिण में हिमालय के बीच एक पर्वतीय क्षेत्र है। लद्दाख के उत्तर में चीन और पूरब में तिब्बत की सीमा मिलती है। लद्दाख का अधिकांश भूभाग खेती के लायक नहीं है। यहां की नदियां कुछ समय प्रवाहित होती अधिकतर समय वे बर्फ से जमी रहती हैं। इसकी कुल आबादी 2 लाख 90 हजार है । लद्दाख एक केन्द्रशासित राज्य है लेकिन इसकी आबादी बिहार के एक जिले से भी कम है। बिहार के सबसे छोटे जिले शेखपुरा की आबादी 6 लाख से अधिक है। लद्दाख में केवल दो जिले हैं- कारगिल और लेह। लेह यहां की राजधानी है। यहां का रहन-सहन तिब्बत और नेपाल से प्रभावित है। लद्दाख के पूर्वी भाग में अधिकतर बौद्ध लोग निवास करते हैं जब कि पश्चिमी भाग में मुसलमानों की बहुलता है।

कश्मीर की जमीन हड़प रखी है चीन ने

कश्मीर की जमीन हड़प रखी है चीन ने

कश्मीर के मूल रकबा को ध्यान में रख कर अगर आज इसके स्वरूप की बात करें तो इस पर तीन देशों का अधिकार है। कश्मीर का 45 फीसदी भाग भारत के पास है जो मौजूदा जम्मू-कश्मीर है। 35 फीसदी भाग पर पाकिस्तान ने कब्जा कर रखा है जिसमें गिलगित और बाल्टिस्तान इलाके आते हैं। इस हिस्से को ही हम पाक कब्जे वाला कश्मीर कहते हैं। मूल कश्मीर के 20 फीसदी हिस्से पर चीन ने कब्जा कर रखा है जिसमें अक्साई चीन और शक्सगाम घाटी शामिल है। 1950 में चीन ने तिब्बत पर आक्रमण कर उस पर कब्जा कर लिया था। तिब्बत पर अधिकार जमाने के बाद चीन ने कश्मीर के अक्साई चीन के करीब 38 हजार वर्ग किलोमीटर भूभाग पर अपना कब्जा जमा लिया था।

लद्दाख पर क्यों बेचैन है चीन

लद्दाख पर क्यों बेचैन है चीन

भारत अक्साई चीन और शक्सगाम घाटी को जम्मू-कश्मीर (अब लद्दाख) का अभिन्न हिस्सा मानता है। इसलिए वह चीन पर 38 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन हड़पने का आरोप लगाता रहा है। अक्साई चीन लद्दाख से जुड़ा है। चीन ने अक्साई चीन में नेशनल हाईवे 219 बना लिया है। यह सड़क चीन के पूर्वी प्रांत शिनजियांग को जोड़ती है। भारत इस सड़क को गैरकानूनी मानता है। 1948 में भारत पाक युद्ध के दौरान अव्यवहारिक युद्धविराम के चलते शक्सगाम घाटी पर पाकिस्तान का कब्जा रह गया था। बाद में पाकिस्तान ने दोस्ती करने के लिए शक्सगाम घाटी चीन को दे दी। चीन और पाकिस्तान ने इस इलाके में काराकोरम राजमार्ग बनाया जिसके जरिये वे व्यापार करते हैं। लेकिन ये काराकोरम सड़क भारत के लिए सामरिक रूप से बहुत खतरनाक है। 2017 में जब भारत ने लेह से 230 किलोमीटर दूर चीन सीमा के पास 86 किलोमीटर लंबी सड़क बनायी थी तब चीन बहुत प्रतिरोध किया था। उस समय कश्मीर में धारा 370 रहने के कारण भारतीय सीमा सड़क संगठन को काम करने मैं बहुत परेशानी हुई थी। यह लद्दाख में दुनिया की सबसे ऊंची सड़क है। अब चीन डर रहा है कि लद्दाख की नयी व्यवस्था में भारत सड़कों का जाल बिछा कर सीमा पर अपनी ताकत और पहुंच बढ़ा लेगा।

क्या युद्ध भी हो सकता है ?

क्या युद्ध भी हो सकता है ?

1962 के युद्ध में भारत चीन से हार गया था। लेकिन अब हालात बिल्कुल बदल गये हैं। चीन की तरह भारत भी परमाणु ताकत बन चुका है। सामरिक संसाधन में चीन भले आगे है लेकिन भारत की सैन्य क्षमता भी बहुत बढ़ी है। दो साल पहले अमेरिका के दो सामरिक विशेषज्ञों ने एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत के पास अग्नि-2 मिसाइल है जो परमाणु हथियार के साथ दो हजार किलोमीटर दूर टारगेट को तबाह कर सकती है। अग्नि-5, पांच हजार किलोमीटर दूर टारगेट को हिट कर सकती है। इस तरह भारत, चीन के किसी शहर को परमाणु हथियार का निशाना बना सकता है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत की परमाणु नीति पहले पाकिस्तान पर फोकस थी। लेकिन अब भारत ने अपना ध्यान चीन पर केन्द्रित कर दिया है। बैलेंस ऑफ पावर के कारण चीन अब भारत पर हमला नहीं कर सकता । 2017 में भारत- भूटान सीमा पर डोकलाम में चीन ने तनाव पैदा किया था लेकिन प्रत्यक्ष युद्ध की नौबत नहीं आयी थी। डोकलाम में भी चीन के सड़क बनाने पर ही विवाद शुरू हुआ था। लद्दाख सीमा पर भारत की संभावित तैयारी से चीन सशंकित हो गय़ा है। चीनी सीमा पर भारत के पहुंचने से उसके कई सैन्य ठिकाने भारतीय तोप की रेंज में आ जाएंगे। भविष्य की चुनौतियों का आंकलन कर चीन अभी से बेचैन हो गया है।

इसे भी पढ़ें:- बदली पहचान, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बने केंद्र शासित प्रदेश, बना इतिहास

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English summary
After Ladakh union territory Why China is restless, Is war like threat
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