केरल के बाद अब तमिलनाडु में आ सकता CAA के खिलाफ प्रस्ताव
चेन्नई। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ बवाल अब भी जारी है। गैर-भाजपा सरकारें कह चुकी हैं कि वह अपने राज्य में इस कानून को लागू नहीं होने देंगी। केरल में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया जो बाद में पास भी हो गया। अब तमिलनाडु में भी ऐसा ही प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही है। यहां द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के विधायकों ने विधानसभा सचिव के श्रीनिवासन के सामने एक प्रस्ताव रखा है।
इसमें मांग की गई है कि सीएए के खिलाफ आने वाले विधानसभा सत्र में प्रस्ताव स्वीकृत किया जाए। बता दें सीएए के खिलाफ बंगाल से लेकर दिल्ली तक प्रदर्शन किया जा रहा है। इस कानून के तहत तीन देश (अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश) से उत्पीड़न का शिकार होकर भारत आने वाले गैर मुस्लिम समुदाय के लोग छह साल तक भारत में रहने के बाद यहां की नागरिकता हासिल कर सकते हैं।
हालांकि केरल विधानसभा में कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास किए जाने पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा कि नागरिकता केंद्र का अधिकार क्षेत्र है और ये बहुत स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ है। ऐसे में राज्य विधानसभा में कैसे इस पर प्रस्ताव लाया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री को किसी अच्छे कानून के जानकार से सलाह लेनी चाहिए।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नागरिकता यूनियन लिस्ट में शामिल है। ये यूनियन लिस्ट में 17 वें स्थान पर हैं। इस पर किसी भी कानून को पारित करने का अधिकार सिर्फ संसद के पास है। किसी राज्य विधानसभा को इस पर कानून बनाने या संशोधन का अधिकार नहीं। केरल की विधानसभा को भी नहीं। प्रसाद ने कहा, संविधान में संसद और राज्य विधानसभाओं को दिए अधिकार स्पष्ट हैं। मैं केरल के मुख्यमंत्री से आग्रह करना चाहूंगा कि वो बेहतर कानूनी सलाह लें। उन्हें जो अधिकार ही नहीं है, वो ना करें।