सिंधिया के जाने से कांग्रेस में उठे बगावती सुर, हाईकमान से नाराजगी
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में होली वाले दिन हुए सियासी उलटफेर के बाद से राज्य में भारतीय जनता पार्टी को एक बार फिर से सरकार बनाने की गंध आ रही है। कांग्रेस के पूर्व नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद से कमलनाथ सरकार के पैरों तले जमीन खिसक गई है। प्रदेश में सरकार बचाने के लिए अब कांग्रेस अपनी पूरी कोशिश कर रही है। मध्य प्रदेश सरकार में आए सियासी संकट के बाद अब कांग्रेस में बगावती सुर भी उठने लगे हैं वहीं, कुछ नेता हाईकमान से नाराज भी हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का इस्तीफा
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कम से कम 22 विधायकों के साथ पार्टी के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया जो कमलनाथ सरकार के पतन का कारण बना। सिंधिया के इस्तीफे के बाद से अब कांग्रेस में बगावती सुर उठने लगे हैं। पार्टी के कुछ सदस्यों का कहना है कि 49 वर्षीय सिंधिया वर्षों से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी विश्वासपात्र रहे लेकिन उन्होंने इस बार में सिंधिया तक पहुंचने की कोशिश नहीं की।
कांग्रेस में ही उठे बगावती सुर
दूसरी ओर पार्टी के एक सूत्र ने नाम छुपाने की शर्त पर बताया कि गांधी परिवार ने सिंधिया को रोकने का अंतिम प्रयास किया था। इस दावे पर कांग्रेस के एक नेता ने कहा, भले ही सिंधिया ने फ्लू होने का दावा किया हो लेकिन फिर भी कांग्रेस के उनके निवास स्थान जाना चाहिए था और उनसे मिलने की कोशिश करना चाहिए था। बता दें कि ट्विटर पर कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा पत्र साझा करने के कुछ देर बाद ही सिंधिया को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
.@JM_Scindia’s departure is a big blow to @INCIndia. He was a central pillar in the party & the leadership should’ve done more to convince him to stay. Like him, there are many other devoted INC leaders across the country who feel alienated, wasted & discontented. 1/2 https://t.co/oTLXuqTAui
— Kuldeep Bishnoi (@bishnoikuldeep) March 10, 2020
कुलदीप बिश्नोई ने समर्थन में किया ट्वीट
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि पूर्व कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते हैं। कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए सिंधिया के इस्तीफे को बड़ा झटका बताया है। उन्होंने लिखा, सिंधिया का जाना एक बड़ा झटका है, वह पार्टी में एक केंद्रीय स्तंभ थे और नेतृत्व को उन्हें पार्टी में बनाए रखने के लिए और प्रयास करना चाहिए था।
2/2 India’s oldest party needs to empower young leaders who have the capacity to work hard & resonate with the masses.
— Kuldeep Bishnoi (@bishnoikuldeep) March 10, 2020
सरकार बनने के बाद से सिंधिया को किया गया दरकिनार
कुलदीप बिश्नोई ने आगे लिखा कि सिंधिया की तरह ही देश भर में कई अन्य समर्पित आईएनसी नेता हैं जो अलगाव, बर्बाद और असंतोष महसूस करते हैं। भारत की सबसे पुरानी पार्टी को युवा नेताओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता है जो जनता के साथ कड़ी मेहनत और उनकी आवाज बनने की क्षमता रखते हैं। कुलदीप के अलावा सिंधिया के करीबी कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि मध्य प्रदेश में कुछ वरिष्ठ नेता 15 साल के अंतराल के बाद 2018 में पार्टी की सरकार बनाने के बाद से उन्हें दरकिनार करने की कोशिश कर रहे थे।
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