भाजपा की विचारधारा सिंधिया घराने के खून में, बोलीं ज्योतिरादित्य की छोटी बुआ
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं। सिंधिया के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कई अन्य विधायकों ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है। इस बीच सिंधिया परिवार के लोगों ने भी उनके इस कदम से खुशी जाहिर की है।
'अब सारा फासला मिट गया है'
इसपर ज्योतिरादित्य सिंधिया की छोटी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया की प्रतिक्रिया भी आ गई है। राज्य की पूर्व मंत्री और शिवपुरी से विधायक यशोधरा ने कहा, 'भाजपा की विचारधारा हमारे परिवार के खून में है। विभिन्न राजनीतिक विचारधारा के कारण कई तरह के मुद्दों पर हम एक परिवार के तौर पर बंटे हुए थे और अब मुझे खुशी हो रही है ये खत्म हो जाएगा। अब सारा फासला मिट गया है।'
'शिवराज जी से बात की थी'
शिवराज सरकार में मंत्री रहीं यशोधरा ने कहा, 'लंबे समय से ही कांग्रेस के विधायकों का पक्ष बदलने का मूड है और इस बारे में मैंने पार्टी नेतृत्व से भी बात की थी। लेकिन तब भावना ये थी कि ये अलग तरीके से होगा। मैंने लोकसभा चुनाव के बाद इस बारे में तुरंत शिवराज जी से बात की थी लेकिन उन्होंने कहा था कि हमें विपक्ष में बैठना चाहिए। यह अब सबसे तेज और आसान तरीका था। इसके साथ ही समय भी सही होना चाहिए। मुझे पता था कि ये होगा जब से उन्होंने (ज्योतिरादित्य) पार्टी छोड़ी है।'
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'साहसिक कदम का आत्मीय स्वागत करती हूं'
इसके साथ ही अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर यशोधरा ने कहा, 'राजमाता के रक्त ने लिया राष्ट्रहित में फैसला साथ चलेंगे, नया देश गढ़ेंगे, अब मिट गया हर फासला। ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ने के साहसिक कदम का मैं आत्मीय स्वागत करती हूं।'
क्यों छोड़ी पार्टी?
अपने इस्तीफे में उन्होंने बीते साल के हालातों का जिक्र किया और उसे ही मुख्य कारण बताया। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी मुलाकात की। पहले खबर थी कि वो मंगलवार शाम को ही भाजपा में शामिल होंगे, लेकिन अब कहा जा रहा है कि वह बुधवार को शामिल होंगे।
कमलनाथ ने क्या दावा किया?
जहां राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ दावा कर रहे हैं कि वह अभी भी बहुमत हासिल कर लेंगे। इस बीच बचे हुए जो विधायक हैं, उन्हें जयपुर लाया जा रहा है। विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा भी गिरकर 104 पहुंच गया है। 22 इस्तीफों के बाद कांग्रेस की संख्या 114 से 92 हो गई है। वहीं मंगलवार शाम को हुई कमलनाथ की बैठक में भी 92 के बजाय 88 विधायक ही पहुंचे। फिलहाल सपा-बसपा और निर्दलीयों की मदद से कांग्रेस के पास 99 विधायकों का समर्थन हासिल है।
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