अगर कानून बन गया यह प्रस्ताव तो गंगा में गंदगी फैलाना पड़ेगा महंगा
नई दिल्ली। गंगा को गंदा करना अब कठोर दंडनीय अपराध हो जाएगा। जिस तरह से डकैती, धोखाधड़ी सरीखे अपराधों में लंब समय की कैद होती है कुछ ऐसा ही अब गंगा में गंदगी में फैलाने पर भी होगा। अगर इस विषय पर बना कानून सदन में पास हो गया तो गंगा में गंदगी फैलाने वाले को 7 साल तक की जेल और 100 करोड़ रुपए जुर्माना देना पड़ेगा।
केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त की गई कमेटी ने राष्ट्रीय नदी गंगा (कायाकल्प, संरक्षा और प्रबंधन) विधेयक, 2017 का बिल तैयार किया है। इस बिल में गंगा में गंदगी करने के साथ-साथ बिना अनुमति के नदी की धार रोकना, नदी के तटों का खनन और गोदी (जेट्टी) का निर्माण भी शामिल है।
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नदी को कहा गया था जीवित
गौरतलब है कि बीते में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गंगा नदी को 'जीवित' करार दिया था। अब केंद्र की गठित कमेटी ने बिल तैयार करके साफ कर दिया है कि गंगा को गंदा करना बहुत महंगा पड़ेगा। यह बिल कानून बना तो देश में पहली बार ऐसा होगा कि किसी नदी पर पहला कानून बनेगा।
सेवानिवृत्त जज गिरधर मालवीय के नेतृत्व में इस कमेटी का सुझाव है कि गंगा से जुड़ी उसकी प्रमुख सहायक नदियों के भी एक किलोमीटर के दायरे को 'जल संरक्षित जोन' घोषित किया जाए।
कमेटी ने यह भी सुझाव दिया है कि यह जोन बिल के लागू होने के बाद छह महीने के अंदर वैज्ञानिक शोध करके बनाया जाए। संभावना है कि इस विषय में बैठक जल्द हो।
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