गलवान हिंसा के बाद 40 हजार से अधिक बार भारत पर साइबर अटैक की कोशिश
नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच लद्दाख में पिछले एक महीने से तनाव चल रहा है, चीन ना सिर्फ सीमा पर तनाव को बढ़ा रहा है बल्कि वह भारत के साइबर स्पेस पर साइबर हमले की भी कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों के पास जो आंकड़े मौजूद हैं उसके अनुसार 15 जून से आजतक चीन की हैकर्स ने तकरीबन 40 हजार से अधिक बार भारत के साइबर स्पेस पर हमला करने की कोशिश की है। जो जानकारी उपलब्ध है उसके अनुसार सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि जो साइबर हमले किए गए हैं वह अधिकतर तीन के सिचुआन प्रांत से किए गए हैं।
भारत के साइबर स्पेस पर निशाना
सिचुआन चीन के साइबर वॉरफेयर का केंद्र है और यहीं पर चीन का साइबर वॉरफेयर का मुख्यालय भी है। भारतीय एजेंसियों अभी भी इस बात की पुष्टि करने की कोशिश कर रही हैं और साथ ही तथ्य इकट्ठा कर रही हैं कि जिससे कि यह पता चल सके कि यह साइबर हमला चीन सरकार द्वारा प्रायोजित था या फिर किसी व्यक्तिगत एजेंसी या किसी और की ओर से किया गया है। भारत के साइबर स्पेस पर हमला करने के लिए मुख्य रूप से दो तकनीक का प्रयोग किया गया है पहला डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस, जिसके जरिए चीनी हैकर्स भारत की वेबसाइट की व्यक्तिगत जानकारी हासिल कर सकते थे और परिणामस्वरूप वेबसाइट का पूरा सेटअप क्रैश कर सकता था।
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चीनी अपना रहे हथकंडे
चीनी हैकर्स ने जो दूसरा रास्ता अख्तियार किया वह इंटरनेट प्रोटोकॉल हाइजैक था, जिसके जरिए हैकर्स किसी भी इंटनेट अकाउंट का ट्रैफिक बदल सकते थे, इसके जरिए हैकर्स सर्विलांस पर नजर रख सकते थे। हालांकि भारत और चीन के बीच फिलहाल किसी भी तरह का युद्ध नहीं चल लरहा है, लेकिन जिस तरह से हाल के दिनों में तनाव बढ़ा है उससे साफ है कि चीन का व्यवहार मैत्रीपूर्ण नहीं है। चीन भारत के खिलाफ हर तरकीब अपना रहा है जिससे कि भारत को नुकसान पहुंचाया जा सके।
भारत-चीन तनाव के बीच रक्षामंत्री पहुंचे रूस
बता दें कि भारत-चीन के में बढ़ते विवाद के बीच सोमवार रात को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिनों के दौरे पर मॉस्को पहुंच गए हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की एक आभासी बैठक में हिस्सा लेंगे। गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद यह पहली बार होगा जब विदेश मंत्री अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ आमने-सामने बैठक करेंगे।