नोटबंदी के बाद श्रद्धालुओं ने तिरुपति बालाजी मंदिर में दान किए 50 करोड़ के पुराने नोट, TTD ने केंद्र से लगाई गुहार
नई दिल्ली। नोटबंदी को इस वर्ष नवंबर में चार साल पूरे होने वाले हैं, लेकिन अभी भी देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में पूराने 500 और 1000 के नोटों का जखीरा मौजूद है। आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर भी कुछ इसी प्रकार की समस्या से जूझ रहा है। दरअसल, मंदिर में आने वाले भक्तों से चढ़ावे के रूप में मिले 50 करोड़ रुपए अब नोटबंदी के बाद जीरो के बराबर हो गया है। अब तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह इन नोटो के बदले नए नोट उपलब्ध कराएं।
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इसी सिलसिल में मंगलवार को TTD के अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और 50 करोड़ की पुरानी करंसी को बैंकों के साथ जमा कराने की अनुमति मांगी। साथ ही वाईवी सुब्बा रेड्डी ने विशेष सुरक्षा बल GST में छूट की मांग की है। बता दें कि 16 नवंबर, 2016 की रात आठ बजे पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए नोटबंदी की घोषणा की थी। 16 नवंबर की रात 12 बजे से देशभर में 1,000 रुपए और 500 रुपए के पुराने नोटों को प्रतिबंधित कर दिया गया था।
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लेकिन इस बीच 16 नंबर के बाद भी तिरुपति मंदिर में भक्त पुराने नोट ही दान करते रहे, इसके परिणाम स्वरूप मंदिर के दान पात्र में 1,000 रुपये के 1.8 लाख नोट मिले जिसकी कीमत 18 करोड़ रुपए थी। वहीं 500 रुपए के भी 6.34 लाख नोट मिले जिनकी कुल कीमत 31.7 करोड़ रुपए थी। यानी ऐसे नोटो की कुल कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये थी। पुराने नोट के जखीरे से जूझ रहे TTD के अध्यक्ष ने केंद्र सरकार से 1 अप्रैल से सितंबर 2020 तक SPF सेवाओं के लिए GST से छूट मांगी थी। निर्मला सीतारमण से अपील किया गया है कि जीएसटी में छूट से टीटीडी को सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक कार्यों को सरलता से चलाने में मदद मिलेगी।