अब शाहीन बाग पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश का निशाना, कहा- समझ नहीं आता वो लोग किस बात का विरोध कर रहे हैं
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस एक बार फिर से अपना खाता तक नहीं खोल पाई और लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव में शून्य पर सिमट गई, उसके बाद पार्टी के भीतर से आवाज उठने लगी है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कांग्रेस पार्टी को सलाह दी है कि पार्टी खुद को निर्ममता से पुनर्जीवित करे अन्यथा कांग्रेस पार्टी अप्रासंगिक होने की संभावना के लिए तैयार रहे। बता दें कि दिल्ली चुनाव में शर्मनाक हार के बाद दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और दिल्ली स्टेट इंचार्ज पीसी चाको ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे सोनिया गांधी ने स्वीकार कर लिया।
आखिर क्यों हो रहा शाहीन बाग पर पर प्रदर्शन
यही नहीं नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जिस तरह से कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है और शाहीन बाग में लोग इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, इस बारे में भी जयराम रमेश ने खुलकर अपनी बात सामने रखी। पीटीआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आता है कि आखिर शाहीन बाग के लोग किस चीज के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, क्या वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उनकी नागरिकता छीन ली जाएगी। यह जायज डर है, लेकिन इन लोगों को एनपीआर, एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए। आखिर ये लोग सिर्फ सीएए के खिलाफ प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं।
दिल्ली की हार त्रासदी
जयराम रमेश ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून लोगों की नागरिकता छीनने वाला कानून नहीं है, बल्कि यह लोगों को नागरिकता देने में चयनात्मक है, वह इस बात के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि अल्प काल के तौर पर अगर दिल्ली चुनाव के नतीजों को देखे तो भाजपा को इस चुनाव में जीत नहीं मिली है, लेकिन यह चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए बड़ी त्रासदी हैं।
सिंधिया बोले विचारधारा बदलने की जरूरत
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि दिल्ली चुनाव के नतीजे हमारे लिए बेहद निराशाजनक हैं। हमारी पार्टी को नई विचारधारा और नई कार्यशैली की सख्त जरूरत है। देश बदल चुका है, लिहाजा हमे भी बदलने की जरूरत है और नए रास्तों और विकल्पों पर विचार करना चाहिए ताकि देश के लोगों से हम संपर्क स्थापित कर सके। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी पार्टी में बड़े बदलाव की वकालत की।