चंद्रयान-2 के बाद तीसरे मून मिशन की तैयारी में ISRO, इस देश के साथ मिलकर पूरा होगा कार्यक्रम
नई दिल्ली। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग के बाद सफलता के नए आयाम को छुआ है। चंद्रयान-2 भारत का चांद पर दूसरा अभियान है, उसकी सफलता पर नासा से भी बधाई मिल रही है। ग्लोबल मीडिया भी इसरो को बधाई दे रही है। वहीं, इसरो चंद्रयान-2 के सफल लॉन्च के बाद तीसरे ट्रिप की तैयारी में जुटता दिखाई दे रहा है।
ऐसे संकेत मिले हैं कि इसरो ने जापान एरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के साथ मिलकर चांद पर अपने तीसरे अभियान को लेकर बातचीत शुरू कर दी है। दरअसल, चंद्रयान-3 की तरफ इशारा इसरो प्रमुख और JAXA प्रमुख ने पहली बार नवंबर,2017 में बेंगलुरु में आयोजित एशिया पैसिफिक रीजनल स्पेस एजेंसी फोरम में किया था। इसके बाद अक्टूबर 2018 और मार्च 2019 में प्रधानमंत्री के दौरे पर दोनों देशों की सरकारों के बीच इस साक्षा अभियान पर भी बात हुई थी।
भारत का दूसरा मून मिशन है चंद्रयान-2
चंद्रयान-2 भारत का दूसरा मून मिशन है और पहला मिशन चंद्रयान साल 2008 में लॉन्च हुआ था। 15 जुलाई को आई एक तकनीकी खामी को दुरुस्त करने के बाद इसरो ने सोमवार को चंद्रयान-2 लॉन्च किया। चंद्रयान 2 का मकसद चांद के करीब स्थित ध्रुवों पर मौजूद वाटर आइस और दूसरे जटिल पदार्थों का अध्ययन करना है। नेशनल जियोग्राफिक के मुताबिक इस रिसर्च से वैज्ञानिकों को चांद और सोलर सिस्टम के बारे में और बेहतर जानकारियां हो सकेंगी।
चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के बाद नासा ने भी ट्वीट कर इसरो को बधाई दी। नासा ने लिखा, 'चांद पर अध्ययन के लिए मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग पर इसरो को बधाईयां। हम आपके इस मिशन को सपोर्ट कर काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इस मिशन प आपने हमारे डीप स्पेस नेटवर्क का प्रयोग किया और हम अब चांद के साउथ पोल के बारे में आपसे जानकारियां हासिल करने की तरफ देख रहे हैं।' नासा ने जानकारी दी है कि कुछ साल बाद वह अपने अंतरिक्ष यात्रियों को साउथ पोल भेजेगा।
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