मायावती के बाद अखिलेश भी कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में, बनाया 'मिशन 150'
मायावती के बाद अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मध्य प्रदेश में एक बड़ा सियासी उलटफेर करने की तैयारी में हैं। अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश के लिए 'मिशन 150' तैयार किया है।
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन कर चुनावी ताल ठोकने की तैयारी कर रही कांग्रेस को मायावती ने करारा झटका दे दिया है। 22 उम्मीदवारों की सूची जारी कर मायावती ने स्पष्ट तौर पर संकेत भी दे दिए हैं कि अगर उनकी 'सम्मानजनक' सीटों की मांग नहीं मानी जाती तो वे अकेले ही सियासी समर में कूदने को तैयार हैं। मायावती के बाद अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मध्य प्रदेश में एक बड़ा सियासी उलटफेर करने की तैयारी में हैं। अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश के लिए 'मिशन 150' तैयार किया है।
क्या है अखिलेश का 'मिशन 150'
दरअसल, कांग्रेस और बसपा के बीच संभावित गठबंधन के 'बनने से पहले ही' टूटने के बाद अब अखिलेश यादव मध्य प्रदेश में तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश में लग गए हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में 150 सीटों की ऐसी सूची तैयार की है, जिसपर वो बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। बताया जा रहा है कि दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व के साथ अखिलेश यादव की बातचीत अंतिम दौर में है।
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24 सितंबर को सपा की अहम बैठक
मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी की चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख मूलचंद यादव ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 24 सितंबर को टीकमगढ़ जिले के ओरछा में पार्टी की एक अहम बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की चर्चा के बाद मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर रणनीति का खुलासा किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस बैठक में गठबंधन को लेकर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा और अगले 2-3 दिनों के भीतर ही प्रत्याशियों को लेकर पत्ते खोल दिए जाएंगे।
मायावती ने बदले सारे सियासी समीकरण
आपको बता दें कि गुरुवार को ही मायावती ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी अजीत जोगी की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। इससे पहले चर्चा थी कि मायावती छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी। खबर यह भी थी कि मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी को भी गठबंधन का भागीदार बनाया जाएगा। हालांकि मायावती के ऐलान के बाद इन सारे कयासों पर विराम लग गया। अब मध्य प्रदेश में सियासी निगाहें अखिलेश यादव के दांव पर लगी हुई हैं।
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