भाजपा के बाद अब TMC का दावा- पार्टी में शामिल होना चाहते हैं BJP के नाराज 3-4 सांसद, किया संपर्क
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां एक्शन मोड में आ गई हैं। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में जुबानी जंग जारी है। इस बीच शनिवार को भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय समेत चार अन्य सांसद जल्द ही पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। बीजेपी के इस दावे पर आज यानी रविवार को टीएमसी की तरफ से पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।
22 नवंबर को टीएमसी ने दावा किया कि केंद्र की जन विरोधी नीतियों के चलते बीजेपी के पास कुछ दिखाने के लिए नहीं है इसलिए विपक्षी भाजपा, टीएमसी के नेताओं और खास तौर पर एक युवा सांसद के चरित्र हनन में लगी है। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'बीजेपी युवा नेताओं से डरी हुई है इसलिए व्यक्तिगत हमले कर रही है, हम राजनीति में पर्सनल हमलों के पक्ष में नहीं हैं।' बीजेपी के दावे पर बोलते हुए कुणाल घोष ने कहा कि कल (21 नवंबर, 2020) कुछ लोगों ने कहा कि कल कुछ लोगों ने कहा कि सौगत रॉय और एक नेता अन्य पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। सौगत बाबू एक वरिष्ठ सांसद हैं। भाजपा के नेता इस तथ्य पर चुप्पी साधने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके आंतरिक कलह से नाराज होकर उनके और अन्य 3-4 सांसदों ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए हमसे संपर्क कर रहे हैं।'
Yesterday some said Sougata Ray & others are joining another party. Sougata babu is a senior MP. BJP leaders are trying to silence the fact that annoyed at their internal discord some 3-4 MPs of theirs & other leaders are contacting us to join Trinamool Congress: Kunal Ghosh, TMC pic.twitter.com/9wEUitbTQf
— ANI (@ANI) November 22, 2020
बीजेपी
ने
की
राष्ट्रपति
शासन
की
मांग
इस
बीच
भारतीय
जनता
पार्टी
ने
एक
बार
फिर
से
टीएमसी
प्रमुख
और
पश्चिम
बंगाल
की
मुख्यमंत्री
ममता
बनर्जी
पर
हमला
बोला
है।
रविवार
को
अपने
एक
बयान
में
भाजपा
के
वरिष्ठ
नेता
कैलाश
विजयवर्गीय
ने
राज्य
में
राष्ट्रपति
शासन
लगाने
की
मांग
की
है।
विजयवर्गीय
ने
कहा,
पश्चिम
बंगाल
सभी
के
लिए
एक
चुनौती
है।
वहां
जिस
तरह
अराजकता
फैली
हुई
है,
लॉ
एंड
ऑर्डर
समाप्त
हो
गया
है,
घुसपैठिये
वहां
आ
रहे
हैं।
इस
संबंध
में
हमने
केंद्र
सरकार
से
कहा
है
कि
या
तो
राष्ट्रपति
शासन
लगाया
जाए
या
चुनाव
आयोग
सुनिश्चित
करे
कि
लोग
निर्भीक
होकर
वोट
करें।