सरकार के फैसले से फर्क नहीं पड़ता, मुसलमान बच्चे पैदा करना जारी रखेंगे: AIUDF
नई दिल्ली। बढ़ती आबादी के बीच असम सरकार की ओर से फैसला लिया गया है कि अगर दो से अधिक बच्चे होंगे तो उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। लेकिन सरकार के इस फैसले के खिलाफ ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रैटिक फ्रंट चीफ बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि मुसलमान किसी की भी नहीं सुनेंगे और बच्चे पैदा करना जारी रखेंगे। बदरुद्दीन ने कहा कि मुसलमान बच्चे पैदा करना जारी रखेंगे और किसी की भी नहीं सुनेगे।
सिर्फ
2
फीसदी
मुसलमान
पाते
हैं
नौकरी
बदरुद्दीन
ने
कहा
कि
अब
सरकार
यह
कानून
लेकर
आई
है
कि
मुसलमानों
को
नौकरी
देने
से
रोकेगी।
सच्चर
कमेटी
के
अनुसार
2
फीसदी
से
भी
कम
मुसमलान
नौकरी
पाते
हैं।
अब
मुसलमानों
में
शिक्षित
लोगों
की
संख्या
बढ़
रही
है
और
वह
दुनियाभर
में
काम
कर
रहे
हैं।
बदरुद्दीन
अजमल
ने
कहा
कि
हमारा
धर्म
और
हमारा
व्यक्तिगत
विश्वास
है
कि
जिसे
दुनिया
में
आना
है,
वह
दुनिया
में
आएगा।
बदरुद्दीन
ने
इस
दौरान
असम
की
भाजपा
सरकार
की
जमकर
आलोचना
की।
मुसलमानों
पर
कोई
फर्क
नहीं
पड़ेगा
बदरुद्दीन
अजमल
ने
कहा
कि
आप
जो
चाहे
कानून
बना
लें,
उनका
मुसलमानों
पर
कोई
असर
नहीं
पड़ेगा।
प्रकृति
के
साथ
छेड़छाड़
सही
नहीं
है।
मुसलमान
बच्चों
के
लिए
जो
भी
करना
पड़ेगा
करेंगे।
यह
चिल्लाने
से
कोई
फायदा
नहीं
कि
मुसमलानों
के
अधिक
बच्चे
हैं।
प्रकृति
के
सा
कोई
लड़ाई
नहीं
लड़नी
चाहिए।
बदरुद्दीन
ने
कहा
कि
एक
तरफ
जहां
आरएसएस
चीफ
मोहन
भागवत
कहते
हैं
कि
10-10
बच्चे
पैदा
करो
और
सरकार
कहती
है
कि
दो
से
अधिक
बच्चे
पैदा
करने
पर
उन्हें
सरकारी
नौकरी
नहीं
देगी।
सरकार
आरएसएस
की
नहीं
मानती
सरकार
पर
हमला
बोलते
हुए
बदरुद्दीन
ने
कहा
कि
सरकार
को
पहले
यह
फैसला
लेना
चाहिए
कि
वह
क्या
करना
चाहते
हैं।
जो
आरएसएस
कहती
है
उसे
ये
लोग
मान
नहीं
रहे
हैं।
21
अक्टूबर
को
असम
विधानसभा
ने
यह
बिल
पास
किया
था
जिसके
बाद
दो
से
अधिक
बच्चे
पैदा
करने
वालों
को
सरकारी
नौकरी
नहीं
दी
जाएगी।
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