अमेरिका-ईरान के बीच टेंशन से कच्चा तेल महंगा, भारत में बढ़ सकती हैं कीमतें
नई दिल्ली। ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी के कारण कच्चे तेल की कीमतों को लेकर भारत सरकार की चिंता बढ़ गई है। ईरान द्वारा अमेरिकी ड्रोन को मार गिराए जाने के बाद पनपे तनावपूर्ण हालात के कारण तेल की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं, जिसपर भारत ने चिंता जाहिर की है। इसे देखते हुए भारत ने ओपेक के मुख्य सदस्य देश सऊदी अरब को तेल की कीमतों को काबू में करने के लिए आगे आने को कहा है।
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बरकरार
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव कम होता नहीं दिख रहा है। हाल में ही ईरान द्वारा एक अमेरिकी ड्रोन को मार गिराने के बाद हालात और भी खराब हुए हैं। दरअसल, गुरुवार को ईरान ने एक अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया था जिसके बाद अमेरिका ने ईरान पर हवाई हमले का मन बना लिया था। हालांकि, आखिरी वक्त में ट्रंप ने अपना फैसला वापस ले लिया और दोनों देशों के बीच संभावित युद्ध टल गया था लेकिन इनके बीच तनाव अभी भी बरकरार है।
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भारत ने तेल की कीमतों लेकर सऊदी अरब से की बात
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर बताया, 'सऊदी अरब के ऊर्जा, उद्योग और खनिज संसाधन मंत्री खालिद अल फलीह से फोन पर बातचीत हुई। भारत-सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा हुई। कच्चे तेल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार प्राइवेट निवेश पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
कच्चा तेल हुआ महंगा
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'होर्मुज जलडमरू मध्य की घटना चिंता की बात है जिसके कारण तेल की कीमतों में इजाफा हो रहा है।' भारत अपनी पेट्रोलियम की जरूरतों के लिए काफी हद तक आयात पर निर्भर है। क्रूड की कीमतों में इजाफा आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों को बढ़ा सकता है। कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी से भारत में तेल महंगा हो सकता है। ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत फिलहाल 65 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर है। गुरुवार को कच्चे तेल की कीमतों में 5 फीसदी इजाफा हुआ था।