तीन महीने बाद फारुक अब्दुल्ला की 84 वर्षीय बहन घर से निकलीं, शाम को फिर से नजरबंद
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद तमाम नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, फारुक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती सहित कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था और कई नेता आज भी नजरबंद हैं। फारुक अब्दुल्ला की 84 वर्षीय बड़ी बहन खालिदा शाह तीन महीने बाद अपने घर से बाहर निकलीं। खालिदा शाह के अलावा फारुक अब्दुल्ला के छोटे भाई शेख मुस्तफा कमाल और भतीजे मुजफ्फर अहमद शाह को भी गुरुवार को तीन महीने बाद अपने घर से बाहर निकलने का मौका मिला।
जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म होने के तीन महीने बाद पहली बार फारुक अब्दुल्ला के परिवार को घर से बाहर निकलने का मौका मिला था, लेकिन शाम होते-होते एक बार फिर से उन्हें हिरासत में ले लिया गया। हालांकि फारुक अब्दुल्ला के परिवार के तीन सदस्यों को रिहा किए जाने के बाद उन्हें फिर से नजरबंद किए जाने को लेकर प्रशासन की ओर से किसी भी तरह का बयान जारी नहीं किया गया है। मुजफ्फर अहमद शाह ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उनकी मां को मौखिक रूप से रिहा कर दिया गया था। सुरक्षा गार्डों ने कहा था कि हम बाहर जाने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन किसी भी रैली या मीडिया से बात करने की अनुमति नहीं दी गई है।
मुजफ्फर ने बताया कि उनकी मां और चाचा अपने रिश्तेदार से मिलने के लिए गुप्कर रोड पर गए थे। लेकिन उन्हें एक बार फिर से नजरबंद कर दिया गया है। बता दें कि फारुक अब्दुल्ला भी गुफ्कर रोड के करीब में ही रहते हैं। हालांकि आधिकारिक रूप से फारुक अब्दुल्ला की बहन, छोटे भाई और भतीजे को नजरबंद किए जाने की जानकारी नहीं दी गई है। गौरतलब है कि 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 और को खत्म कर दिया गया था, जिसके बाद प्रदेश में मोबाइल फोन, इंटरनेट, लैंडलाइन सेवाओं को भी ठप कर दिया गया था। लेकिन एक महीने बाद लैंडलाइन और मोबाइल फोन की सेवा को बहाल कर दिया गया था। हालांकि इंटरनेट की सेवा आज भी निलंबित है।
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