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Lockdown: कोरोना वायरस से बचने के लिए यूपी के वकील ने पेड़ पर बना लिया आशियाना

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खतरे से पूरी दुनिया वाकिफ हो चुकी है, हर कोई अपने बचाव के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहा है। लॉकडाउन के चलते लोग घरों में बंद हैं लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए घर और समाज से भी अलग रह हैं। उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के रहने वाले मुकुल त्यागी उन्हीं में से एक हैं। पेशे से वकील मुकुल त्यागी ने अपने घर के पास ही एक पेड़ को ही अपना आशियाना बना लिया है। मुकुल अपना पूरा समय पेड़ पर ही बिताते हैं।

सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए ऐसा

सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए ऐसा

हापुड़ जिले के असौड़ा गांव के निवासी वकील मुकुल त्यागी अपने इस अलग अंदाज के चलते सुर्खियों में आ गए हैं, इसके पीछे की वजह पूछने पर उन्होंने बताया कि वह सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यहां पर रहकर वह न केवल सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं, बल्कि उन्हें यहां पर बहुत अच्छा भी लग रहा है।

कोरोना वायरस से बचाव का एकमात्र तरीका

मुकुल ने आगे कहा, डॉक्टरों से बात करने पर उनसे कहा गया कि कोरोना वायरस से बचाव का एकमात्र तरीका सामाजिक दूरी है। इसलिए मैंने एकांत में पेड़ पर रहने का मन बना लिया है, और मैं इसका आनंद ले रहा हूं। पेड़ पर सोने के लिए मुकुल ने बिस्तर की व्यवस्था की है, जिसपर वह आराम से सो सकते हैं। मुकुल का कहना है कि वह यहां बड़े आराम से रह रहे हैं और रोजाना भगवद् गीता का भी पाठ कर रहे हैं।

खुद को प्रकृति के करीब पाते हैं मुकुल

खुद को प्रकृति के करीब पाते हैं मुकुल

मुकुल ने आगे कहते हैं कि उन्हें यहां किसी भी चीज की कोई समस्या नहीं है, यहां तो मैं खुद प्रकृति के बेहद करीब आ गया हूं। उन्होंने बताया कि पेड़ पर बने बने आशियाने तक पहुंचने के लिए एक सीढ़ी रखी है, जिसके जरिए वह आसानी से पेड़ पर पहुंच जाते हैं। मुकुल ने कहा, वह इस पल का आनंद ले रहे हैं और आराम से यहां रहते हैं।

मुकुल के पास हैं आराम की सभी सुविधाएं

मुकुल के पास हैं आराम की सभी सुविधाएं

लॉकडाउन होने की वजह से स्कूल, मॉल यहां तक कि कोर्ट भी बंद हैं जिस वजह से हर कोई घर पर रहने को मजबूर है। मुकुल अपना यह समय पेड़ पर बिता रहे हैं। उन्होंने पेड़ के नीचे एक झूला भी बनाकर रखा हुआ है, जिसमें वह नीचे आकर बैठते हैं-आराम करते हैं। मुकुल ने बताया कि वह हर समय पेड़ पर नहीं रहते, बीच-बीच में नीचे उतर कर झूले का भी आनंद लेते हैं।

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English summary
advocate Mukul Tyagi has built a makeshift tree house in his village Asaura
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