पद्मश्री विवाद पर बोले अदनान सामी- मेरे पुरस्कार का मेरे पिता से क्या लेना-देना?
नई दिल्ली। पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान सामी को पद्श्री पुरस्कार दिए जाने की घोषणा के बाद इसपर सियासत गरमाने लगी है। साल 2016 में भारत सरकार ने अदनान सामी को नागरिकता दी थी। सामी साल 2011 से देश में रह रहे थे। अदनान के पिता अरशद सामी खान, पाकिस्तान एयरफोर्स के पायलट थे। अरशद ने भारत के खिलाफ 1965 और फिर 1971 की जंग में हिस्सा लिया था। इसको लेकर भी विवाद बढ़ता दिखाई दे रहा है, जिसपर इस सिंगर का बयान आया है।
मेरे पिता एक पेशेवर सैनिक थे- अदनान
अरशद सामी को पाकिस्तान अपने सबसे बड़े योद्धाओं के रूप में मानता है। अरशद उनके दादा जनरल अहमद जान अफगानिस्तान के थे और राज अब्दुर रहमान खान के सैन्य सलाहकार थे। वहीं, पद्मश्री दिए जाने की घोषणा के बाद अपने पिता को लेकर उपजे विवादों पर अदनान सामी का बयान आया है। अदनान ने कहा, 'मेरे पिता पुरस्कृत लड़ाकू पायलट थे और एक पेशेवर सैनिक थे। उन्होंने अपने देश के प्रति अपना फर्ज निभाया। उसके लिए मैं उनका सम्मान करता हूं।'
मेरे पिता का इससे क्या लेना?- अदनान
अदनान ने आगे कहा, 'मैंने उसका लाभ नहीं लिया और ना ही श्रेय लिया। ठीक इसी प्रकार से जो कुछ मैं करता हूं उसका श्रेय उन्हें (पिता) को नहीं दिया जा सकता है। मुझे पद्मश्री मिलने से मेरे पिता का क्या लेना-देना? ये गैरजरूरी है।' अदनान ने कहा कि आलोचना करने वाले कुछ राजनेता हैं और वे राजनीतिक एजेंडे के तहत ये सब कर रहे हैं, इसका मुझसे कोई लेना-देना नहीं है। मैं नेता नहीं हूं, संगीतकार हूं।'
मायावती ने साधा था बीजेपी पर निशाना
इसके पहले बीएसपी चीफ मायावती ने भी अदनान सामी को पद्मश्री से सम्मानित किए जाने पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अदनान सामी को जब बीजेपी सरकार नागरिकता व पद्मश्री से भी सम्मानित कर सकती है तो फिर जुल्म-ज्यादती के शिकार पाकिस्तानी मुसलमानों को वहां के हिंदू, सिख, ईसाई की तरह सीएए के तहत पनाह क्यों नहीं दे सकती है? मायावती ने कहा था कि केंद्र सरकार सीएए पर पुनर्विचार करे तो बेहतर होगा।