अडानी का 3 दिन में 34 अरब डॉलर डूबा, अमीरी में 10वें पायदान से भी नीचे खिसके
अडाणी ग्रुप के गौतम अडानी अब दुनिया के टॉप 10 अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं। तीन दिन में ही उनका निजी तौर पर 34 अरब डॉलर डूब गया है।
गौतम अडानी सिर्फ तीन दिनों में दुनिया के अमीरों की टॉप 10 की लिस्ट से बाहर हो गए हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने उनके ग्रुप का जो बेड़ा गर्क किया है, उससे सिर्फ तीन दिनों में ही उनकी संपत्ति में 34 अरब डॉलर की कमी आ गई है। हालांकि, वह अभी भारत के सबसे अमीर शख्सियत बने हुए हैं। लेकिन, उनका यह पोजिशन ज्यादा समय तक रह पाएगा, यह सवालों के घेरे में है, क्योंकि अडानी ग्रुप की बाजार में स्थिति देखते हुए लगता है कि जल्द ही रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी अपनी खोयी हुई जगह फिर से हासिल कर लेंगे।
दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 11 पर पहुंचे अडानी-ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक गौतम अडानी अब दुनिया के 10 सबसे अमीर लोगों में शामिल नहीं रह गए हैं। इसके मुताबिक उनके ग्रुप के शेयरों में गिरावट का दौर इसी तरह से जारी रहा तो जल्द ही वह एशिया के भी सबसे अमीर शख्सियत का रुतबा भी खो दे सकते हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक भारत के यह बिजनेस टाइकून दुनिया के चौथे सबसे अमीर की लिस्ट से खिसकर 11वें स्थान पर पहुंच गए हैं। क्योंकि, सिर्फ तीन कारोबारी दिनों में ही उनकी निजी संपत्ति में से 34 अरब डॉलर डूब चुका है।
अडानी से अभी भी पीछे हैं अंबानी
वर्तमान में संपत्ति के हिसाब से 84.4 अरब डॉलर के साथ गौतम अडानी अभी सिर्फ अपने कारोबारी प्रतिद्वंद्वी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी से ही आगे हैं, जिनकी कुल संपत्ति इस समय 82.2 अरब डॉलर है। दरअसल, अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में तीसरे काराबोरी दिन में भी बिकवाली का दौर जारी है, जिसके चलते इसे 68 अरब डॉलर से भी ज्यादा का नुकसान हो चुका है। अडानी ग्रुप की कंपनियों को यह चपत हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद लग रही है, जिसमें कथित तौर पर इसपर 'स्टॉक में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी' के आरोप लगाए गए हैं।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से हिला अडानी ग्रुप
दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में भारत के गौतम अडानी अब मैक्सिको के कार्लोस स्लिम, गूगल के को-फाउंडर सर्गेई ब्रिन और माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व सीईओ स्टीव बाल्मर से पीछे हो चुके हैं। अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी कथित रिपोर्ट जबसे प्रकाशित की है, अडानी ग्रुप और खुद अडानी के शेयर धाराशायी होते जा रहे हैं। हालांकि, अडानी ग्रुप की ओर से हिंडनबर्ग को लंबा-चौडा़ जवाब भी दिया गया है, लेकिन इस ग्रुप की कंपनियों के शेयर संभलने का नाम नहीं ले रहे हैं।
इंटरनेशनल रेटिंग प्रभावित होने की आशंका
इन परिस्थितियों में अडानी ग्रुप की इंटरनेशनल रेटिंग भी प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। क्योंकि, कुछ मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेशनल रेटिंग एजेसी ने उनके बैंकों से लोन से जुड़ी डिटेल मांगनी शुरू कर दी है। इसके मुताबिक अडानी ग्रुप पर भारतीय बैंकों का करीब 80 हजार करोड़ रुपए का लोन है। यह रकम अडानी ग्रुप के कुल कर्ज का 38 फीसदी बताया जाता है।
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अडानी ग्रुप पर कर्ज दाताओं की भी नजर
मसलन, सोमवार को पंजाब नेशन बैंक की ओर कहा गया कि ग्रुप पर उसका 7 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार इसमें से 2..5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज अडानी ग्रुप के एयरपोर्ट कारोबार से जुड़ा हुआ है। हालांकि, यह बैंक फिलहाल इस रकम को लेकर चिंतित नहीं है, क्योंकि उसके आकार के अनुसार यह निवेश बहुत बड़ी नहीं है। ज्यादातर बैंकरों का यही कहना है कि इस ग्रुप का ज्यादातर कर्ज कैश फ्लो पर आधारित है, इसलिए यह ज्यादा चिंता की वजह नहीं लग रही है। वैसे सारे कर्जदाता हालात पर निगरानी रख रहे हैं।