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Box Office पर मजाक बनी 'छपाक', एक्ट्रेस से प्रोड्यूसर बनीं दीपिका का हुआ बुरा हाल!

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बेंगलुरू। एसिड अटैक सर्वाइबर पर बेस्ड बेहद ही संवेदनशील फिल्म छपाक बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप हो चुकी है। दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म छपाक 16वें दिन महज 60 लाख रुपए की कमाई कर सकी। फिल्म छपाक अभी तक बजट की महज 60 ही कमाई कर सकी है। 40 करोड़ निर्माण खर्च और 15 करोड़ प्रमोशन खर्च को मिलाकर फिल्म छपाक के निर्माण की लागत करीब 55 करोड़ रुपए थी, लेकिन फिल्म की अभी तक कुल 35.3 करोड़ रुपए ही कमा पाई है।

Deepika

फिल्म छपाक को उसकी रिलीज डेट यानी 10 जनवरी को ही तीन राज्यों द्वारा टैक्स फ्री घोषित करने का फायदा नहीं मिला और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह लुढ़क चुकी है। छपाक दीपिका पादुकोण स्टार तीसरी ऐसी फिल्म में शुमार हो गई है, जिसका प्रदर्शन औसत से भी नीचे गिरा है।

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गौरतलब है नवंबर, 2007 में बॉलीवुड में फिल्म ओम शांति ओम के जरिए डेब्यू करने वाली दीपिका पादुकोण की डेब्यू फिल्म ब्लॉकबस्टर रही थी। दीपिका ने बॉलीवुड कैरियर में अबतक 4 ब्लॉक बस्टर फिल्में दी हैं। इनमें ओम शांति ओम, ये जवानी है दीवानी, चेन्नई एक्सप्रेस और वर्ष 2018 में रिलीज हुई फिल्म पदमावत शामिल है।

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दीपिका ने 12 वर्षीय बॉलीवुड कैरियर में कुल 22 फिल्मों में लीड रोल में काम किया है, जिनमें से उनकी 4 फिल्में ब्लॉकबस्टर रहीं जबकि 6 फिल्में हिट और 1 सुपरहिट रहीं, लेकिन उनके खाते में 6 फ्लॉफ फिल्में भी शुमार हैं और छपाक समेत 3 फिल्में तो बॉक्स ऑफिस पर डिजास्टर साबित हुईं।

दीपिका पादुकोण स्टारर दो फिल्मों में एक फिल्म मशहूर निर्देशक आशुतोष गोवारीकर द्वारा निर्देशित फिल्म 'खेलें हम जी जान से' थी और दूसरी फिल्म मशूहर निर्देशक निखिल आडवाणी निर्देशित फिल्म 'चांदनी चौक टू चाइना' थी। दीपिका की दोनों फिल्मों का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन बेहद निराशाजनक था। खेलें हम जी जान का बजट 30 करोड़ था।

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लेकिन फिल्म सिर्फ 6.3 करोड़ कमा सकी और 80 करोड़ की लागत वाली फिल्म चांदनी चौक टू चाइना महज 30 करोड़ की कमाई कर पाई। दीपिका के खाते में दो और फिल्में भी दर्ज हैं, जिनका बॉक्स ऑफिस कलेक्शन औसत रहा। मतलब फिल्म अपना लागत निकालने में कामयाब रही। उनके नाम हैं रेस-2 और बचना ऐ हसीनो।

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दीपिका की फ्लाफ हुई फिल्मों में शुमार हो चुकी फिल्म छपाक के फ्लॉफ होने की वजह कई हैं, लेकिन फिल्म को तात्कालिक नुकसान जेएनयू प्रकरण से हुआ। फिल्म एक्ट्रेस और फिल्म की निर्माता दीपिका पादुकोण फिल्म छपाक की रिलीज से पहले जेएनयू कैंपस गईं थी और करीब एक हफ्ते पूर्व जेएनयू कैंपस में हुए हिंसा के बाद लेफ्ट छात्रों के साथ खड़ी हो गईं थी।

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जेएनयू कैंपस में लेफ्ट छात्रों के साथ खड़ी हुईं दीपिका का यह कदम फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर बुरा असर डाल गया वरना एक सामाजिक संदेश देने वाली संवदेनशील फिल्म को दर्शक नहीं मिलते यह आश्चर्य कहा जा सकता है।

फिल्म छपाक राजधानी दिल्ली की एसिड सर्वाइबर लक्ष्मी अग्रवाल की बॉयोपिक फिल्म थी और फिल्म को फिल्म क्रिटिक्स की अच्छी रेटिंग भी नसीब हुई थी, बावजूद इसके फिल्म का पहले दिन का प्रदर्शन निराशानजक रहा। वजह साफ था, क्योंकि दीपिका पादुकोण की पीआर कंपनी को क्या ऐसा सूझा कि दीपिका पादुकोण को जेएनयू कैंपस में ले जाकर खड़ा कर दिया।

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निर्देशिका मेघना गुलजार निर्देशित फिल्म छपाक दीपिका पादुकोण की प्रोड्युस की गई फिल्म थी और दीपिका को कम से कम बतौर निर्माता इससे बचना चाहिए था। दीपिका पादुकोण जेएनयू कैंपस में भले ही मौन थीं, लेकिन उनके वहां मौजूद होने से पूरा देश फिल्म छपाक के खिलाफ खड़ा हो गया।

फिल्म छपाक की एडवांस बुकिंग कैंसिल कराई जाने लगी और सोशल मीडिया पर बॉयकॉट छपाक की मुहिम शुरू हो गई और देखते ही देखते फिल्म छपाक के खिलाफ मुहिम रंग लाने लग गई। तब तक देर हो चुकी थी और इसका सीधा फायदा राष्ट्रवाद और देशभक्ति से ओत-प्रोत अजय देवगन स्टारर फिल्म तानाजी-द अनसंग वॉरियर को मिली।

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तानाजी ने पहले दिन 16 करोड़ से अधिक की कमाई की और छपाक पहले दिन 5 करोड़ रुपए की कमाई भी नहीं कर पाई। तानाजी 6वें दिन ही 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई और अब 200 करोड़ के क्लब में पहुंच चुकी है जबकि छपाक 16वें दिन 35.3 करोड़ पर अटकी हुई है।

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उल्लेखनीय है बतौर निर्माता दीपिका पादुकोण को यह जोखिम नहीं लेना चाहिए था, क्योंकि फिल्म छपाक में हिट और सुपरहिट होने के पोटेंशियल मौजूद थे, लेकिन बॉयकॉट छपाक की मुहिम ने छपाक को शुरूआती नुकसान पहुंचाया और फिल्म उससे उबर नहीं पाई। फिल्म छपाक के नहीं उबरने के पीछे जेएनयू प्रकरण ही दोषी नहीं है बल्कि छपाक का विषय भी है। वह इसलिए, क्योंकि भारतीय दर्शकों का बड़ा वर्ग अमूमन फिल्में मनोरंजन के लिए देखता है।

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थियेटर में फिल्म देखने जाने वाले बहुसंख्यक भारतीय दर्शकों की फिल्म देखने की प्राथमिकता में गाने, एक्शन और रोमांस का तड़का प्रमुख होता है, जो छपाक से गायब था। फिल्म थोड़ी संभल भी जाती अगर ग्लैमरस और खूबसूरत दीपिका उसमें एसिड सर्वाइबर के बजाय वकील की भूमिका में होतीं, क्योंकि दर्शक खूबसूरत दीपिका को एसिड अवतार में पैसा खर्च कर झेलना नहीं चाहते थे।

यह भी पढ़ें- JNU विवादः दीपिका पादुकोण का हो सकता है बुरा हाल, कंपनियां तोड़ सकती हैं विज्ञापन करार!

छपाक का बजट 55 करोड़ और 16वें दिन तक कमाए 35.3 करोड़

छपाक का बजट 55 करोड़ और 16वें दिन तक कमाए 35.3 करोड़

रोहित धवन निर्देशत देसी ब्वॉयज का बजट 54 करोड़ और उसकी कमाई 46 करोड़ रही। फाइंडिग फैनी का बजट 29 करोड और कमाई भी 29 करोड़ ही हुई। इम्तियाज अली निर्देशित फिल्म तमाशा का बजट 87 करोड़ और उसकी भी कमाई 69 करोड़ रही और फिल्म अपनी लागत का 80 फीसदी ही मिल सका। 10 जनवीर को रिलीज छपाक का बजट 55 करोड़ और कमाई 16वें दिन 35.3 करोड़ रिकॉर्ड की है, जो फिल्म की लागत का महज 60 फीसदी बैठता है।

7 हिट-सुपरहिट और 4 ब्लॉक बस्टर फिल्में दे चुकी हैं दीपिका पादुकोण

7 हिट-सुपरहिट और 4 ब्लॉक बस्टर फिल्में दे चुकी हैं दीपिका पादुकोण

वर्ष 2007 में बॉलीवुड के किंग खान शाहरूख के अपोजिट डेब्यू करने वाली दीपिका पादुकोण की पहली फिल्म ओम शांति ओम ब्लॉकबस्टर रही थी। वर्ष 2007 से 2019 के 12 वर्ष के लंबे फिल्म कैरियर में दीपिका अबतक कुल 4 ब्लॉकबस्टर फिल्म दे चुकी हैं। इनमें ये जवानी है दीवानी, चेन्नई एक्सप्रेस और पदमावत शामिल हैं। जबकि फिल्म हैप्पी न्यू ईयर समेत 7 फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही हैं। हालांकि इस दौरान दीपिका के खाते में कई 6 फिल्में बुरी तरह फ्लाफ रही हैं जबकि 2 फिल्में बॉक्स ऑफिस पर डिजास्टर साबित हुईं, इनमें खेलें हम जी जान से और चांदनी चौक टू चाइना शामिल हैं, लेकिन अब फिल्म छपाक भी दीपिका की डिजास्टर फिल्म में शुमार हो चुकी है।

दीपिका पादुकोण और उनकी फ्लॉफ रहीं फिल्मों का कलेक्शन

दीपिका पादुकोण और उनकी फ्लॉफ रहीं फिल्मों का कलेक्शन

आशुतोष गोवारीकर निर्देशत फिल्म खेलें हम जी जान से का बजट 30 करोड़ था, लेकिन फिल्म 6.3 करोड़ रुपए ही कमा सकी। इस तरह यह फिल्म अपनी लागत का महज 20 फीसदी ही जुटा पाई। इमरान खान की अपोजिट कॉस्ट की गईं दीपिका की फिल्म 'ब्रेक के बाद' का बजट 22 करोड़ था, लेकिन फिल्म की कमाई महज 17 करोड़ रही। इस तरह यह फिल्म लागत का महज 77 फीसदी की वसूल पाई। यशराज बैनर की फिल्म 'लफंगे परिंदे' का बजट 19 करोड़ रुपए था, लेकिन कमाई महज 23 करोड़ हुई। यह फिल्म भी फ्लाफ से थोड़ी दूर थी। वहीं, फरहान अख्तर की अपोजिट कास्ट की गईं दीपिका की फिल्म 'कार्तिक कॉलिंग कार्तिक' का बजट 20 करोड़, लेकिन कमाई सिर्फ 18.75 करोड़ कर पाई।

दीपिका स्टारर फिल्म चांदनी चौक टू चाइना भी बुरी तरह फ्लॉप

दीपिका स्टारर फिल्म चांदनी चौक टू चाइना भी बुरी तरह फ्लॉप

निर्देशक निखिल आडवाणी की फिल्म चांदनी चौक टू चाइना में दीपिका अक्षय कुमार के अपोजिट कास्ट की गई थी, जिसमें उनका डबल रोल था। फिल्म का बजट 80 करोड़ था, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म धड़ाम हो गई और उसकी लाइफ टाइम कमाई महज 30 करोड़ दर्ज की गई, जो उसकी फिल्म की लागत का महज 37 फीसदी था। वहीं, प्रकाश झा निर्देशित फिल्म 'आरक्षण 'का बजट 52 करोड़ रुपए था और कमाई 42 करोड़ ही हुई और फिल्म 80 फीसदी ही लागत वसूल पाई।

जेएनयू प्रकरण इसलिए नहीं है छपाक की फ्लॉफ की असल वजह

जेएनयू प्रकरण इसलिए नहीं है छपाक की फ्लॉफ की असल वजह

तात्कालिक नुकसान के तौर पर देखा जाए तो निश्चित तौर पर जेएनयू विवाद भी इन वजहों में से एक माना जा सकता है। फिल्म एक्ट्रेस से फिल्म निर्माता बन चुकी दीपिका पादुकोण व्यक्तिगत तौर पर कहां जाती है, किसके साथ खड़ी होती है, इससे किसी भी दर्शक को कभी फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन दीपिका जब उन छात्रों के साथ जाकर खड़ी हो गईं, जिन पर वर्ष 2016 से देशद्रोही नारे लगाने और देशविरोधी कार्रवाई करने का आरोप लगा हो, तो देश के मौजूदा माहौल के चलते उनकी बात बिगड़ गई। निः संदेह दीपिका की फिल्म को जेएनयू प्रकरण की वजह से नकारात्मक रिस्पॉन्स मिला, लेकिन इसका प्रभाव तात्कालिक था, जिसका नुकसान फिल्म को भुगतना पड़ा। असली वजह कुछ और थी।

फिल्म छपाक की रिलीज के लिए निर्माता दीपिका ने चुना गलत दिन

फिल्म छपाक की रिलीज के लिए निर्माता दीपिका ने चुना गलत दिन

ऐसा समझा जाता है कि अगर संवेदशील मुद्दे पर निर्मित फिल्म छपाक को किसी सोलो डेट पर रिलीज किया जाता तो एसिड सर्वाइवर पर बनी फिल्म को दर्शक जरूर मिल जाते, लेकिन तानाजी जैसे देशभक्ति थीम पर बनी फिल्म के सामने छपाक जैसी फिल्म को रिलीज करके फिल्म छपाक की निर्माता दीपिका पादुकोण ने बतौर निर्माता अपरिपक्वता दिखाई। फिल्म अगर सोलो रिलीज होती तो बढ़िया बिजनेस करने में सफल हो सकती थी, क्योंकि दीपिका पादुकोण के नाम पर उनके चाहने वाले जरूर वीकडेज फिल्म की टिकट जरूर खरीदते और फिल्म छपाक निःसंदेह तीन दिन में 18 करोड़ से 38 करोड़ कमाने में सफल हो सकती थी। बॉलीवुड में ऐसी कई फिल्में हैं, जिन्होंने बड़े नाम और छोटे दर्शन देकर वीकडेज में 35-40 करोड़ रुपए कमाए हैं। इनमें सलमान खान स्टारर ट्यूबलाइट का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है।

अच्छी रेटिंग और प्रशंसा के बाद भी पारंपरिक दर्शक थियेटर नहीं गया

अच्छी रेटिंग और प्रशंसा के बाद भी पारंपरिक दर्शक थियेटर नहीं गया

खूबसूरत दीपिका पादुकोण को फिल्म छपाक में एसिड सर्वाइवर के रूप में देखना किसी भी पारंपरिक फिल्म दर्शक को पंसद नहीं आ सकता था। इसलिए अच्छी रेटिंग और क्रिटिक्स की प्रशंसा के बाद भी पारंपरिक दर्शक थियेटर नहीं पहुंचे। फिल्म छपाक को मल्टीप्लेक्स दर्शकों को प्यार नसीब हुआ,लेकिन उनकी संख्या सीमित हैं और शहर तक ही सीमित हैं।

 राष्ट्रवाद के माहौल में तानाजी से पिछड़ गई दीपिका की छपाक

राष्ट्रवाद के माहौल में तानाजी से पिछड़ गई दीपिका की छपाक

दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक अजय देवगन की वीर रस से परिपूर्ण तानाजी से इसलिए मुकाबला नहीं कर पाई, क्योंकि देश ही नहीं, बॉलीवुड में मौजूदा दौर में देशभक्ति की थीम पर तैयार फिल्में का जलवा है। माना जा रहा है कि मौजूदा दौर में बॉलीवुड में देशभक्ति की थीम पर बनी फिल्में पसंद की जा रही है, इसलिए तानाजी ने बाजी मार ली। अजय देवगन मार्का एक्शन और देशभक्ति की थीम ने उन दर्शकों को भी अपनी तरफ खींच लिया, जो क्रिटिक्स और अच्छी रेटिंग के चलते छपाक देखने का मन बनाया हुआ था।। पिछले कुछ सालों में देशभक्ति की थीम, पीरियड्स ड्रामा फिल्में काफी सफलता मिली है। इनमें छपाक की निर्देशक मेघना गुलजार द्वारा निर्देशित राजी एक बड़ा उदाहरण है।

पारंपरिक भारतीय दर्शक प्रायः डिप्रेसिव फिल्म से बचता है

पारंपरिक भारतीय दर्शक प्रायः डिप्रेसिव फिल्म से बचता है

पारंपरिक भारतीय दर्शक प्रायः डिप्रेसिव फिल्म से बचता है भारतीय दर्शकों की बात करें तो ऑडिएंस ऐसे कंटेंट पर पैसे खर्च करने से बचता है जहां उसे डिप्रेसिव यानी जिंदगी में उदासी भरने वाली बातें, चीजें और वाकये देखने को मिले। ऐसे में दीपिका की फिल्म एक एसिड सर्वाइवर पर बनी थी जिसमें लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी पर एसिड का भयावह असर देखने को मिलता है। भारीय दर्शक ऐसे वाक्यों पर बनी फिल्मों को पचा नहीं पाते। उनके लिए सिनेमा का मतलब मनोरंजन है। नए जमाने में भले ही फिल्में कई तरह के संदेश देने में कामयाब हो रही हों लेकिन सबकी स्क्रिप्ट में हर तरह के दर्शक के लिए कुछ न कुछ मसाला होता है। लेकिन छपाक में ऐसा कुछ नहीं मिला इसलिए दर्शकों ने शानदार रिव्यू के बावजूद फिल्म ठुकरा दी।

इसलिए एसिड सर्वाइवर दीपिका को भारतीय दर्शकों ने छपाक को कहा न

इसलिए एसिड सर्वाइवर दीपिका को भारतीय दर्शकों ने छपाक को कहा न

फिल्म को नहीं, एसिड सर्वाइवर दीपिका को दर्शकों ने कहा न भारत में ऑडिएंस ढाई घंटे सिनेमा हॉल में एक या दो,कभी कभी तीन तीन हीरोइनों की सुंदरता का सुख भोगता है। फिल्म भले ही एक्शन बेस्ड हो लेकिन हीरोइन की सुंदरता से दर्शक कॉम्प्रोमाइज करने के मूड में कभी नहीं रहता। खासकर जब फिल्म दीपिका पादुकोण जैसी खूबसूरत हीरोइन की हो तो वो यह जरूर चाहेगा कि दीपिका की सुंदरता पूरी फिल्म में दिखे। दीपिका ने निश्चित तौर पर एक प्रोड्यूसर होने के नाते रिस्क लिया और करियर के शिखर पर ऐसी फिल्म की जहां उन्हें बदरंग चेहरे के साथ दर्शकों से रूबरू होना पड़ा। दीपिका को इसके लिए सलाम किया जाना चाहिए लेकिन दर्शकों ने जिन वजहों से फिल्म को नकारा, उनमें से एक ये वजह हो सकती है।

एसिड सर्वाइवर पर बेस्ड फिल्म छपाक में मसाले की गुंजाइश नहीं थी

एसिड सर्वाइवर पर बेस्ड फिल्म छपाक में मसाले की गुंजाइश नहीं थी

एसिड सर्वाइवर पर बेस्ड फिल्म छपाक में मसाले की गुंजाइश नहीं थी, इसलिए मल्टीप्लेक्स दर्शकों को भी फिल्म ने ज्यादा आकर्षित नहीं किया, जिससे दोबारा लौटकर फिल्म देखने वालों दर्शकों की संख्या कम रही और एक बार देखने के बाद दर्शक अपने परिवार और बच्चों को छपाक दिखाने के परहेज करता दिखा, क्योंकि मां-बाप द्वारा मान लिया गया कि एसिड सर्वाइवर के गेटअप में दीपिका को देखकर बच्चों का डरना तय है।

पारंपरिक मसालों की गैर-मौजूदगी ने बिगाड़ा छपाक का खेल

पारंपरिक मसालों की गैर-मौजूदगी ने बिगाड़ा छपाक का खेल

भारत का बहुसंख्यक और पारंपरिक दर्शक आज भी मनोरंजक और हैप्पी एंडिंग पसंद करता है। हालांकि शहरों के ऑडिएंस की मानसिकता बदली है लेकिन शहरों के ऑडिएंस फिल्म हिट करा देने की स्थिति में नहीं है अभी भी। कस्बाई ऑडिएंस एक्शन पैक्ड हीरो, बड़ी बड़ी गाड़ियों, महंगी लोकेशन औऱ सुंदर हीरोइनों वाली फिल्मों को तवज्जो देता है। जो वो जिंदगी में नहीं कर पाया, वही पाने की ललक उसे थिएटर ले आती है और ऐसी फिल्में हिट होकर इस वजह को पुख्ता करती जा रही हैं।

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English summary
Deepika Padukone's debut film, a blockbuster, debuted in November 2007 through the Bollywood film 'Om Shanti Om'. Deepika has given 4 block buster films in her Bollywood career so far. These include Om Shanti Om, Yeh Jawani Hai Deewani, Chennai Express and the film Padmavat released in the year 2018. Deepika has acted in a lead role in a total of 22 films in a 12-year Bollywood career, out of which 4 of her films were blockbusters while 6 films were hits and 1 superhit, but she also has 6 flops on her account, including 3 films including Chhapak So proved to be disaster at the box office.
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