आरके नगर उपचुनाव: एक बार फिर से रद्द हुआ अभिनेता विशाल का नामांकन
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने एआईएडीएमके दिनाकरन गुट के नेता टीटीवी दिनाकरन की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने आरके नगर उपचुनाव में हैट (टोपी) चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी थी।
नई दिल्ली। तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के विधान सभा सीट आरके नगर पर होने वाले उपचुनाव के लिए तमिल एक्टर विशाल का नामांकन चुनाव आयोग ने एक बार फिर से रद्द कर दिया है। इससे पहले खबर आई थी कि चुनाव आयोग ने विशाल का नामांकन स्वीकार कर लिया है। इस सीट पर विशाल निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अब चुनावी किस्मत आजमाने की कोशिश में है। इससे पहले मंगलवार (05 दिसंबर) को जैसे ही उनका नामांकन पत्र खारिज किया गया, वो चेन्नई में चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गए। इससे वहां हंगामा खड़ा हो गया। इस दौरान विशान आरोप लगाया कि उनके समर्थकों को धमकाया जा रहा है। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने विशाल को हिरासत में ले लिया लेकिन कुछ देर बाद रिटर्निंग अफसर ने उन्हें मिलने की इजाजत दे दी। उधर, जयललिता की भतीजी दीपा के नामांकन में खामी मिलने के बाद उसे भी रद्द कर दिया गया है।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने एआईएडीएमके दिनाकरन गुट के नेता टीटीवी दिनाकरन की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने आरके नगर उपचुनाव में हैट (टोपी) चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी थी। कोर्ट ने इस मसले पर चुनाव आयोग के पीठासीन अधिकारी से फैसला करने को कहा है। इस चुनाव में दिनाकरण एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में हैं। एआईएडीएमके के मुख्य गुट को दो पत्ती वाला चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाने के बाद टीटीवी दिनाकरन ने ये याचिका दायर की थी। चुनाव आयोग के इस निर्णय के खिलाफ भी उन्होंने एक याचिका दायर की है जिसकी सुनवाई 12 फरवरी को होनी है। आर के नगर विधानसभा सीट पर 21 दिसंबर को उपचुनाव होगा। मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है। विपक्षी द्रमुक के अलावा, सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक उम्मीदवार ई मधुसुधानन और पार्टी से बागी हुए टीटीवी दिनाकरण इस सीट पर चुनाव लड़ेंगे करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद आरके नगर की सीट खाली हुई थी जिस पर अब उपचुनाव हो रहा है। जयललिता की दिसंबर 2016 में लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई थी।
#Ayodhya: 2019 के आम चुनाव तक सुनवाई टालने की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज