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CAA-NRC पर दिग्गज एक्ट्रेस ने कहा- सभी को इस पर बोलना चाहिए, हर जगह अब शाहीन बाग बन रहे

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जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13वें जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज हुआ। साहित्य के इस महाकुंभ में पहले ही दिन लिटरेचर के साथ-साथ सियासी मुद्दों का असर भी दिखाई दिया। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल होने आईं दिग्गज एक्ट्रेस नंदिता दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएए और एनआरसी पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने इस पर सवाल खड़े करते हुए इसके विरोध में सभी से आवाज उठाने की अपील की है। नंदिता दास ने कहा कि जो लोग चार पीढ़ियों से यहां हैं, आप उन्हें बता रहे हैं कि यह आपका देश नहीं है, यह बहुत परेशान करने वाला है। एक्ट्रेस ने आगे कहा कि मेरा मानना है सभी को इस पर बोलना चाहिए।

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Nandita Das ने किया CAA का विरोध, कही ये बड़ी बात | Oneindia Hindi
'सीएए और एनआरसी का मेल देश की मूल आत्मा पर प्रहार है'

'सीएए और एनआरसी का मेल देश की मूल आत्मा पर प्रहार है'

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंची एक्ट्रेस, डायरेक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता नंदिता दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'सीएए और एनआरसी का मेल देश की मूल आत्मा पर प्रहार है। भारत एक सेक्युलर राष्ट्र है, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा जब धर्म के नाम पर लोगों से पहचान बताने के लिए कहा जा रहा है। जो लोग चार पीढ़ियों से यहां हैं, आप उन्हें बता रहे हैं कि यह आपका देश नहीं है, यह बहुत परेशान करने वाला है।'

नंदिता दास ने कहा- इस देश की जो बुनियाद है उसे संभालकर रखना चाहिए

नंदिता दास ने आगे कहा, 'हर जगह अब शाहीन बाग बन रहे हैं क्योंकि इतने सारे लोग अब सड़क पर आ गए हैं। हर एक नागरिक, एक इंसान के हिसाब से, हम सबको इसके खिलाफ बोलना चाहिए। इस देश की जो वैल्यू, बुनियाद है उसे संभालकर रखना चाहिए। देश के प्रधानमंत्री को लोगों के बीच आकर उनसे बात करनी चाहिए। देशभर को एक प्रोटेस्ट में जानबूझकर झोंक दिया गया है। इस पर भी प्रधानमंत्री को फुरसत नहीं कि वो जाकर लोगों से बात करें। नागरिक के तौर पर देश में हर किसी को केंद्र सरकार के किसी भी फैसले के खिलाफ बात करने का अधिकार है, विरोध का अधिकार है।'

'अगर आज मंटो होते तो शायद वो भी बेहद दुखी होते'

'अगर आज मंटो होते तो शायद वो भी बेहद दुखी होते'

दिग्गज एक्ट्रेस ने कहा, 'देश में पहले के मुकाबले बेरोजगारी काफी बढ़ गई है। आर्थिक हालत भी बदतर होते जा रहे हैं। देश में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब धर्म के नाम पर लोगों को विभाजित किया जा रहा। ऐसे में मैं अपनी बात कहूंगी, क्योंकि मुझे बोलने की आजादी है। 70 साल बाद भी हमें वैसे ही बांटने की कोशिश हो रही है। अगर आज मंटो होते तो शायद वो भी बेहद दुखी होते।'

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English summary
Actor Nandita Das on CAA, in Jaipur: I believe everyone should speak over it.
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