'राधिका-प्रणय पर कार्रवाई मीडिया को चेतावनी'
एनडीटीवी ने अपनी वेबसाइट पर जारी एक बयान में दावा किया है कि राधिका और प्रणय रॉय को भ्रष्टाचार के 'एक फ़र्ज़ी और बेबुनियाद मामले को आधार बनाकर' रोका गया. ये भी बताया गया है कि ये मामला सीबीआई ने दो साल पहले दर्ज किया था और इस मामले को रॉय दंपति की कंपनी ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जहां ये दो साल से लंबित है.
समाचार समूह एनडीटीवी ने अपने संस्थापकों राधिका और प्रणय रॉय के देश से बाहर यात्रा करने पर लगाई गई रोक को 'बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन' बताते हुए इसकी आलोचना की है. एक बयान में इसे 'मीडिया को चेतावनी' बताया गया है.
एनडीटीवी ने अपनी वेबसाइट पर जारी एक बयान में दावा किया है कि राधिका और प्रणय रॉय को भ्रष्टाचार के 'एक फ़र्ज़ी और बेबुनियाद मामले को आधार बनाकर' रोका गया.
ये भी बताया गया है कि ये मामला सीबीआई ने दो साल पहले दर्ज किया था और इस मामले को रॉय दंपति की कंपनी ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जहां ये दो साल से लंबित है.
दो साल पहले सीबीआई ने दिल्ली और देहरादून में एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय के ख़िलाफ़ छापे की कार्रवाई भी की थी.
तब बताया गया था कि ये कार्रवाई एक निजी बैंक को कथित तौर पर नुकसान पहुंचाने के मामले में की गई है.
नहीं दी गई जानकारी
एनडीटीवी ने इस मामले में जारी बयान में कहा कि अधिकारियों ने कार्रवाई के बारे में कोर्ट और रॉय दंपति मे से किसी को जानकारी नहीं दी.
एनडीटीवी ने कहा है, "ये कार्रवाई मीडिया को एक चेतावनी है कि वो उनके पीछे चलें या नतीजा भुगतें."
समाचार समूह के मुताबिक राधिका और प्रणय रॉय एक सप्ताह के लिए देश से बाहर जा रहे थे. उनकी वापसी 15 अगस्त को होनी थी. एनडीटीवी ने दावा किया है कि ये दोनों पहले भी देश के बाहर आते जाते रहे हैं.
"ऐसे में ये संकेत देना हास्यास्पद है कि उनका बाहर जाना ख़तरनाक हो सकता है."
इस बारे में सरकार या अधिकारियों की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है लेकिन ये मामला ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है. #SupportNDTV हैशटैग ट्विटर पर टॉप ट्रेंड में बना हुआ है.
One of the few remaining media with spine and they are doing everything they can to break them. They're heroes, people who work their, Prannoy Roy and Radhika Roy in who make it possible. #SupportNDTV if you're still free, if you still want to know what's going on in our country.
— Karuna Nundy (@karunanundy) 9 August 2019
सुप्रीम कोर्ट की वकील करुणा नंदी ने ट्विटर पर लिखा है, "चंद बची रीढ़वाली मीडिया में से एक और वो उन्हें तोड़ने के लिए सबकुछ कर रहे हैं.अगर आप अब भी आज़ाद हैं और आप अब भी जानना चाहते हैं कि हमारे देश में क्या हो रहा है तो #SupportNDTV"
I support NDTV with whole heartedly. In today's India NDTV is the only News channel who raised voices for voiceless. #supportNDTV
— Amiya Patra (@AmiyaPa51393768) 9 August 2019
अमिय पात्रा ने लिखा, "NDTV को मेरा पूरा समर्थन. आज के भारत में ये बेजुबानों की आवाज़ उठाता है."
#SupportNDTV because of the Ramon Magsaysay Award winner Ravish Kumar.
— pradeep Choudhary (@impradeep55) 10 August 2019
प्रदीप चौधरी ने लिखा है, "रेमन मैगसेसे अवॉर्ड जीतने वाले रवीश कुमार के लिए एनडीटीवी का समर्थन कीजिए."
उधर, कुछ लोग एनडीटीवी के विरोध में भी ट्वीट कर रहे हैं और चैनल की पत्रकारिता पर सवाल भी उठा रहे हैं.
#SupportNDTV...Give any one Reason...WHY I support NDTV....in the name of journalism you make Enough Black Money...Your anti India propaganda Burst....I dont support you...
— Rishabh Saroj Sharma (@RishabhSarojSh1) 10 August 2019
ऋषभ सरोज शर्मा नाम के अकाउंट से लिखा गया है, "मुझे एक कारण बताइये मैं एनडीटीवी का समर्थन क्यों करूं. पत्रकारिता के नाम पर आने काफी काला धन बनाया. आपका भारत विरोधी प्रोपेगैंडा सामने आ चुका है. मैं आपका समर्थन नहीं करता हूं. "