उलझन में 61 फीसदी भारतीय, Covid वैक्सीन आ जाए तो भी तुरंत नहीं लेना चाहते टीका: सर्वे
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड-19) का कहर अब भी थमा नहीं है। ऐसे में हर कोई वैक्सीन आने का इंतजार कर रहा है। वैक्सीन को लेकर ना केवल चर्चा तेज हो गई है बल्कि चुनावी रैलियों एवं पार्टियों के मैनिफेस्टो में भी इसे शामिल किया जा रहा है। ऐसा ना केवल भारत में हो रहा है बल्कि अमेरिका जैसे देशों में भी हो रहा है। इस बीच वैक्सीन को लेकर एक सर्वे किया गया है, जिसमें पता चला है कि 61 फीसदी भारतीय वैक्सीन को लेकर उलझन में हैं और इसे लगाने में जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं।
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लोकल सर्कल्स नाम की संस्था द्वारा किए गए इस सर्वे में वैक्सीन को लेकर लोग क्या सोचते हैं ये पता करने की कोशिश की गई। इसमें लोगों से पूछा गया, 'अगर अगले साल तक वैक्सीन आती है तो क्या आप कोविड-19 से पहले जैसी जीवन शैली फिर से अपनाने के लिए तैयार हैं?' इस सवाल का जवाब 8312 लोगों ने दिया है। इनमें 61 फीसदी लोगों का कहना है कि 'उन्हें कोविड-19 वैक्सीन को लेकर संदेह है और इसे 2021 में लेने की जल्दबाजी नहीं करेंगे भले ही यह उपलब्ध हो।' सर्वे में केवल 21 फीसदी लोग ही ऐसे थे जिन्होंने वैक्सीन लेकर पुराने तरीके से जीने की इच्छा व्यक्त की। वहीं 25 फीसदी ने कहा कि वह वैक्सीन तो ले लेंगे लेकिन कोरोना वायरस से पहले वाली अपनी जीवन शैली नहीं अपनाएंगे।
सर्वे में महामारी के आठ महीनों के दौरान मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों के बारे में लोगों के विचारों और अनुभव को समझने की कोशिश भी की गई। जिसमें लॉकडाउन की लंबी अवधि भी शामिल है। लोगों से यह पूछा गया कि वह महामारी के आने के आठ महीने बाद अब मानसिक रूप से कैसा महसूस करते हैं। सर्वे के अनुसार, इस सवाल का जवाब देने वाले 8,590 लोगों में से 33 फीसदी ने कहा कि वे 'चिंतित' महसूस करते हैं, 19 फीसदी ने कहा कि वह 'शांत और खुश हैं', 13 फीसदी ने कहा कि वह 'डिप्रेस' हैं, 5 फीसदी ने कहा कि वह 'उत्साही' महसूस करते हैं, 20 फीसदी ने कहा कि वह 'आभार' महसूस कर रहे थे, जबकि 10 फीसदी ने इनमें से कोई विकल्प नहीं चुना।
तीसरा सवाल ये पूछा गया कि, 'आप कब तक प्रतिबंधों के साथ कोविड-19 के बाद वाली स्थिति में आसानी से रहने के बारे में सोच सकते हैं?' कुल 8,496 लोगों ने इस सवाल का जवाब दिया। इनमें से 38 फीसदी ने कहा कि वह 'जब तक कोविड-19 रहेगा तब तक इस तरह जीने के लिए तैयार हैं।' जबकि 23 फीसदी ने कहा कि वह इन 'प्रतिबंधों से पहले ही थक चुके हैं'। इनके अलावा 14 फीसदी लोगों ने कहा कि वह इस साल 31 दिसंबर तक इंतजार करना ठीक समझते हैं, जबकि 6 फीसदी लोगों ने कहा कि वह 31 मार्च, 2021 तक इंतजार कर सकते हैं।
लोकल सर्कल्स के अनुसार, कुल मिलाकर सर्वे में कोविड-19 से संबंधित इन तीन प्रश्नों के लिए 25,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं। जिसमें उत्तर देने वाले 225 जिलों के लोग शामिल हैं। इनमें 72 फीसदी पुरुष और 28 फीसदी महिलाएं हैं। 54 फीसदी लोग टायर-1 शहरों से हैं, 24 फीसदी टायर-2 शहरों से, 22 फीसदी टायर- 3, 4 ग्रामीण जिलों से हैं।
'बिहार
को
फ्री
वैक्सीन'
पर
भड़की
शिवसेना,
भाजपा
से
पूछा-
क्या
बाकी
राज्य
पाकिस्तान
हैं?