स्टडी: इंसानों के मल से भी कोरोना वायरस फैलने का खतरा, बढ़ सकती है मरीजों की संख्या
नई दिल्ली: चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस ने चार महीने के अंदर पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है, जहां अब तक 45 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इस वायरस की वजह से अब तक तीन लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी हैं। हाल ही में एक रिसर्च में पता चला था कि कोरोना इंसानों के स्पर्म में भी पाया जा रहा है। जिसके बाद अब एक नया शोध सामने आया है, जिसके मुताबिक इंसानों के मल से भी कोरोना वायरस के फैलने का खतरा है।
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मल में मिला जेनेटिक मैटेरियल
राइस यूनिवर्सिटी टेक्सास में वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस पर एक शोध किया है। 'SARS-CoV-2: करंट एविडेंस एंड इम्प्लीकेशन्स फॉर पब्लिक हेल्थ' नाम का ये शोध जल्द ही उनके जनरल में प्रकाशित होगा। इस शोध में इंसानों में कोरोना के बदलते स्वरूप के बारे में अध्ययन किया गया है। शोध के मुताबिक इंसानों के मल में SARS-CoV-2 का जेनेटिक मैटेरियल मिला है, जिससे मल के जरिए भी इसके फैलने का खतरा है। इसके साथ ही प्रमुख अध्ययनों में ज्यादातर मल में वायरस का केवल आरएनए पाया गया है। इस शोध में शामिल प्रमुख लेखक ई सुसान अमीरियन ने बताया कि अब तक किए गए अधिकांश अध्ययन संक्रामक वायरस के बजाय मल में वायरल आरएनए उठा रहे हैं। हालांकि, कुछ अध्ययनों से पता चला है कि मल के नमूनों में संक्रामक वायरस मौजूद हो सकता है।
कॉमन टॉयलेट से फैलने का खतरा ज्यादा
अमीरियन ने कहा कि अगर जेनेटिक मैटेरियल कम मात्रा में है, तो ये ज्यादा चिंताजनक नहीं है। अगर भविष्य में ज्यादा मात्रा में वायरस मल में पाए जाते हैं, तो समस्या हो सकती है। उस स्थिति में मल के जरिए संक्रमण फैल सकता है। अमीरियन के मुताबिक भविष्य में रेस्टोरेंट, अस्पताल, उद्योग आदि खुलेंगे, ऐसे में वहां के टॉयलेट कॉमन होंगे। इस वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके सटीक नतीजों के लिए भविष्य में और ज्यादा अध्ययन की जरूरत पड़ेगी। ऐसी स्थिति में बचने के लिए हमें ज्यादा सफाई पर जोर देना होगा। अगर मल से प्रसार के पुख्ता सबूत मिले तो महामारी उन देशों में और बदतर स्थित में आ जाएगी, जहां मामले ज्यादा हैं।
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स्पर्म में भी मिला था कोरोना
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले शांगचिउ म्यूनिसिपल अस्पताल की एक टीम ने जनवरी-फरवरी में इलाज करवा चुके 38 रोगियों का टेस्ट किया था। इस दौरान 6 लोगों के स्पर्म में कोरोना वायरस मिला। इसमें चार बहुत बीमार थे, जबकि दो ठीक हो रहे थे। ये रिसर्च अब जामा नेटवर्क ओवन में प्रकाशित हुई है। शोधकर्ताओं के मुताबिक अभी ये नहीं पता चल पाया कि वायरस वीर्य में कितने दिनों तक रहता है। स्पर्म में कोरोना मिलने से आशंका है कि ये सेक्स करने से फैल सकता है, हालांकि इसके पक्के सबूत वैज्ञानिकों के पास नहीं हैं। वहीं बहुत ही कम संख्या के मरीजों के स्पर्म में ये वायरस मिला है। हो सकता है कि भविष्य में कोरोना सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज में आ जाए। इस पर रिसर्च जारी है।