लॉकडाउन: वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में GDP ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पिछले दो महीने से देश में लॉकडाउन जारी है। जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हो रहा है। शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई बड़े ऐलान किए। आरबीआई गवर्नर के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में जीपीडी ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से 6 बड़े प्रदेशों में उद्योग ठप हैं। वहीं बिजली और पेट्रोलियम पदार्थों की खपत में भी काफी कमी है। कोरोना की वजह से देश में निवेश भी घटा है। ऐसे में अर्थव्यवस्था को पटरी पर आने में अभी वक्त लगेगा। इस वजह वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में जीडीपी ग्रोथ निगेटिव रह सकती है। वहीं दूसरी छमाही में इसमें कुछ सुधार होने का अनुमान है।
The GDP growth in 2020-21 is expected to remain in the negative category with some pick up in second half: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/wq3VUcBK7C
— ANI (@ANI) May 22, 2020
क्रिसिल
का
भी
यही
अनुमान
रेटिंग
एजेंसी
क्रिसिल
रिसर्च
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
लॉकडाउन
से
जीडीपी
में
तीन
फीसदी
का
नुकसान
हो
सकता
है।
क्रिसिल
ने
आगाह
किया
था
कि
इन
हालात
में
चालू
वित्त
वर्ष
में
आर्थिक
विकास
दर
1.89
फीसदी
रह
सकती
है
लेकिन
लॉकडाउन
बढ़ाया
गया
तो
विकास
दर
शून्य
हो
जाएगी।
क्रिसिल
के
मुख्य
अर्थशास्त्री
डीके
जोशी
के
मुताबिक
भारत
की
हालत
2008
के
ग्लोबल
फाइनेंशियल
क्राइसिस
के
प्रभाव
में
जो
हुआ
था,
उससे
भी
बदतर
हो
जाएगी।