EXIT POLL के मुताबिक हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा रिटर्न्स !
Recommended Video
नई दिल्ली। मतदान के बाद आए ज्यादातर एग्जिट पोल में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को पहले से बेहतर कामयाबी मिलती दिख रही है। मतदान के पहले भाजपा महाराष्ट्र को लेकर कुछ चिंतित थी। इसलिए उसने चुनाव प्रचार के आखिर लम्हों में अपने सभी स्टार प्रचारकों को हरियाण से महाराष्ट्र में शिफ्ट कर दिया था। वह हरियाण को लेकर पहले से आश्वस्त थी। भाजपा की यह सूझबूझ अब सटीक जान पड़ रही है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 90, कांग्रेस ने 90, इनेलो ने 81 और बसपा ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा है। हांसी सीट पर सबसे अधिक 25 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमायी है तो अंबाला कैंट और शाहाबाद सीट पर सबसे कम 6-6 उम्मीदवारों चुनावी कुश्ती लड़ी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, जेजेपी के दुष्यंत चौटाला की किस्मत इवीएम में बंद हो चुकी है। इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला होता दिख रहा है। जननायक जनता पार्टी ने जाट बहुल सीटों पर खूब ताकत लगायी है।
हरियाणा में भाजपा को फायदा
वोटरों के मूड के मुताबिक इस चुनाव में भाजपा को फायदा मिलता दिख रहा है। एग्जिट पोल में अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा अपने पुराने स्कोर (47) को पीछे छोड़ कर आगे निकल जाए। कांग्रेस, इनेलो में बिखराव का फायदा भाजपा को मिलता दिख रहा है। विभाजन की वजह से इनेलो की ताकत कम होती दिखी। ऐसा लग रहा है कि कमजोर विपक्ष खट्टर सरकार की एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर का फायदा नहीं उठा सका। दूसरी तरफ भाजपा धारा 370, तीन तलाक और सरकार के कामों का हवाला दे कर जनता पर प्रभाव डालने में सफल होती लग रही है।
महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना का पलड़ा भारी
महाराष्ट्र में भाजपा ने 164,शिवसेना 126 ( दो सीटों पर दोस्ताना लड़ाई),कांग्रेस ने 147, एनसीपी ने 121, एमएनएस ने 101 और बसपा ने 262 सीटों पर चुनाव लड़ा है। इस चुनाव में भाजपा-शिवसेना को फायदा मिलता दिखा रहा है। अनुमान है कि भाजपा 2014 के नतीजों (122) से आगे निकल जाए। वैसे शिवसेना ने खूब जोर लगाया है लेकिन उसकी सीटें भाजपा से कम रहने का अनुमान है। हालांकि शिवसेना आदित्य ठाकरे को लेकर बहुत अधीर है। दूसरी तरफ रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि इस विधानसभा चुनाव में एनडीए को 230 से 240 सीटें मिलेंगी। इतना ही नहीं उन्होंने अभी ही नयी सरकार में अपनी पार्टी के दो मंत्री की मांग रख दी है। अठावले की पार्टी ने छह सीटों पर चुनाव लड़ा है।
भाजपा-शिवसेना में दोस्ताना लड़ाई
भाजपा और शिवसेना के बीच 164 और 124 सीटों का बंटवारा हुआ था। लेकिन कंकावली और माण विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार होने के बाद भी शिवसेना ने चुनाव लड़ा है। दरअसल कंकावली सीट पर नारायण राणे के पुत्र नितेश राणे ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा है। नारायण राणे पहले शिवसेना में थे। बाद में वे ठाकरे परिवार के मुखर आलोचक हो गये और कांग्रेस में चले गये। तब से शिवसेना को नारायण राणे से खुन्नस है। नारायण राणे ने कांग्रेस से भी अलग हो कर एक नयी पार्टी बनायी थी जिसका कि भाजपा में विलय़ हो गया था। नितेश राणे को भाजपा से टिकट मिलने का शिवसेना ने विरोध किया था। नितेश राणे से हिसाब चुकाने के लिए शिवसेना ने यहां से उम्मीदवार दिया है। इसके अलावा माण सीट पर भी भाजपा के जय कुमार गोरे और शिवसेना के शंकर गोरे ने एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा है।
प्रमुख उम्मीदवार
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस नागपुर पश्चिम से चुनाव मैदान में हैं। आदित्य ठाकरे मुम्बई के वर्ली से चुनाव लड़ा है। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण नांदेड़ के भोकर से लड़े हैं। चर्चित फिल्म स्टार रीतेश देशमुख के दो भाइयों के भाग्य का भी फैसला होना है। अमित देशमुख लातूर सिटी और धीरज देशमुख लातूर ग्रामीण से किस्मत आजमायी है। शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने बारामती से चुनाव लड़ा है।