लड़ाकू ड्रोन ABHYAS का फिर से सफल परीक्षण, DRDO ने भारत में किया है तैयार
नई दिल्ली, 29 जून: लंबे वक्त से भारत का चीन और पाकिस्तान के साथ विवाद चल रहा है। जिस वजह से भारत की कोशिश लगातार देश में हाईटेक उपकरण विकसित करने की है। इस दिशा में डीआरडीओ तेजी से काम कर रहा है, जिसे बुधवार को एक बड़ी कामयाबी मिली और बंगाल की खाड़ी में स्वेदशी लड़ाकू ड्रोन ABHYAS का सफल परीक्षण हुआ। इसके अलावा स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल यानी एटीजीएम का भी सफल परीक्षण किया गया है।
हर पैमाने पर खरा उतरा
डीआरडीओ के मुताबिक ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के तट पर चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से ABHYAS-हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल का परीक्षण किया गया, जो पूरी तरह से सफल रहा। इस दौरान डीआरडीओ के वैज्ञानिक हाईटेक उपकरणों से इसकी स्पीड आदि को मॉनिटर कर रहे थे। डीआरडीओ वैज्ञानिकों के मुताबिक परीक्षण के दौरान लक्ष्य को जमीन-आधारित नियंत्रक से सबसोनिक गति से पूर्व-निर्धारित उड़ान पथ में उड़ाया गया। जिसमें ABHYAS पूरी तरह से खरा उतरा।
कैसे करता है काम?
इस एयर व्हीकल को ट्विन अंडरस्लैंग बूस्टर का उपयोग करके लॉन्च किया गया। ये एक छोटे गैस टरबाइन इंजन से संचालित होता है। इसके अलावा नेविगेशन और फ्लाइट कंट्रोल के लिए इसमें MEMS आधारित इनरट्रियल नेविगेशन सिस्टम (INS) है। अभ्यास ड्रोन को पूरी तरह से स्वायत्त उड़ान के लिए बनाया गया है। इसकी पूरी जांच लैपटॉप आधारित ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (GCS) की मदद से की जाती है। इसकी मदद से विभिन्न मिसाइलों और हवा में मार करने वाले हथियारों का प्रेक्षण किया जा सकता है। इस ड्रोन का इस्तेमाल मिसाइल या फिर विमानों का पता लगाने के लिए भी किया जाता है।
पिछले हफ्ते भी बड़ी कामयाबी
वहीं पिछले हफ्ते ओडिशा के तट पर चांदीपुर में 'वर्टिकली लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल' (वीएल-एसआरएसएएम) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अधिकारियों (डीआरडीओ) के अनुसार ये मिसाइल लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित दुश्मन के टारगेट को खत्म कर सकती है।
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