बड़ी बेशर्मी से संवैधानिक मूल्यों को पाताल के स्तर तक लाया गया: अभिषेक मनु सिंघवी
नई दिल्ली। महाराष्ट्र मामले पर शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 27 नवंबर को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का फैसला सुनाया। साथ ही कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट का लाइव टेलीकास्ट किया जाए। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बीजेपी और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधा।
सिंघवी बोले- ये सुप्रीम कोर्ट का सबसे बड़ा गिफ्ट
सिंघवी ने कहा कि बड़ी बेशर्मी से संवैधानिक मूल्यों को पाताल के स्तर तक लाया गया। उन्होंने कहा कि संविधान दिवस पर देश के लोगों के लिए ये सुप्रीम कोर्ट का सबसे बड़ा गिफ्ट है, देश के संवैधानिक मूल्यों की रक्षा हुई है। कोर्ट के फैसले के बारे में बताते हुए सिंघवी ने कहा कि बीजेपी ने प्रोटेम स्पीकर का विरोध किया, वे रेगुलर स्पीकर की मांग कर रहे थे और उन्हीं के नेतृत्व में फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे थे।
चोर की दाढ़ी में तिनका पकड़ा गया- सिंघवी
सिंघवी ने कहा कि बीजेपी की तरफ से फ्लोर टेस्ट के लिए ज्यादा से ज्यादा दिन मांगे जा रहे थे, लेकिन कोर्ट ने इनकी मांग को खारिज कर दिया। चोर की दाढ़ी में तिनका पकड़ा गया। कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्यपाल ने सारी नैतिक मान्यताओं को परे रख केवल शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर काम किया। वहीं, कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि तीनों दल सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट है। उन्होंने देवेंद्र फडणवीस से इस्तीफे की मांग की। दूसरी तरफ, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि अब बीजेपी का खेल खत्म हो चुका है।
कल होगा फ्लोर टेस्ट
इसके पहले, फैसला पढ़ते हुए सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस रमना ने कहा कि संवैधानिक मुद्दों को छूने, लोकतांत्रिक मूल्यों का ध्यान रखने और संविधान को कायम रखने की जरूरत है। कोर्ट ने उत्तराखंड और एसआर बोम्मई केस का भी जिक्र किया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी के पास अब करीब 30 घंटे हैं बहुमत साबित करने के लिए। तीनों दल लगातार मांग कर रहे थे कि जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट हो लेकिन कोर्ट ने इनकी मांग को खारिज कर दिया। कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बड़ी जीत बताया है। तीनों दलों का दावा है कि फ्लोर टेस्ट में बीजेपी की सरकार गिर जाएगी।