अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- यूपी में शुरू हो चुकी है CAA की प्रक्रिया, इसपर रोक लगे, सुप्रीम कोर्ट का इनकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ और समर्थन में 142 याचिकाएं दाखिल की गईं, जिसपर आज अहम सुनवाई हुई। इस दौरान कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीएए की प्रक्रिया उत्तर प्रदेश में शुरू हो गई है। उन्होंने इस कानून पर रोक लगाने की मांग की। हालांकि कोर्ट ने कहा कि अधिकतर याचिकाओं में एक जैसी ही बात है। सभी पर सुनवाई के बाद ही कोई फैसला सुनाया जाएगा।
सिंघवी ने कोर्ट से कहा, 'उत्तर प्रदेश में दो हफ्ते पहले लोगों पर टिक और क्रॉस के निशान लगाए गए हैं। इससे सत्यापित करना शायद संदेहास्पद हो। ये प्रक्रिया बीते 70 सालों में नहीं हुई है, दो महीने और इंतजार क्यों नहीं किया जा सकता। ये तब हो रहा है जब नियम ही नहीं बने हैं। 40 लाख लोगों को संदिग्ध चिह्नित किया गया है। ऐसा राज्य के 19 जिलों में हुआ है। उनका वोट करने का अधिकार छिन जाएगा। इस प्रक्रिया पर कृपया रोक लगाएं। ये हमारी प्रार्थना है। यह अराजकता और असुरक्षा को रोकेगा।'
कोर्ट ने सीएए पर रोक लगाने का आदेश देने से इनकार कर दिया। इन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने 6 हफ्तों का समय मांगा। उन्होंने कहा कि उन्हें अभी 80 और याचिकाओं पर जवाब देना है। इसपर कपिल सिब्बल ने कहा कि केंद्र के पास पहले से ही 4 हफ्तों का समय था और जवाब दाखिल नहीं किए गए हैं।
उनके ऐसा कहे जाने के बाद सीजेआई एसए बोबडे ने कहा, 'सभी मामलों में नोटिस जारी हो गया है। अटॉर्नी जनरल ने जवाब के लिए समय मांगा है। 4 हफ्ते में जवाब देना होगा। 4 हफ्ते बाद इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सभी मामलों को लिस्ट करने के बाद छोटे मामलों को चैंबर में सुना जाएगा।' इसके बाद सीजेआई ने सीएए और एनपीआर पर रोक लगाने के लिए कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया। उन्होंने केंद्र सरकार को सीएए से संबंधित सभी मामलों पर जवाब के लिए 4 हफ्तों का समय दिया है।
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