महाराष्ट्र: सिंघवी-सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से की मांग- 24 घंटे में हो फ्लोर टेस्ट, वीडियोग्राफी भी कराई जाए
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जारी फ्लोर टेस्ट वाली राजनीति पर सुप्रीम कोर्ट अब कल फैसला सुनाएगी। एनसीपी और कांग्रेस की तरफ से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है। हमारी मांग है कि 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट कराया जाए। शिवसेना की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वरिष्ठ जनों की देखरेख में महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हो। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि फ्लोर टेस्ट की वीडियोग्राफी भी कराई जाए।
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कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे पास 154 विधायकों के समर्थन का हलफनामा है। अगर बीजेपी के पास बहुमत है तो फ्लोर टेस्ट से क्यों डर रही है। सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना का पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने हॉर्स ट्रेडिंग पर जवाब देते हुए कहा कि अस्तबल से सिर्फ घुड़सवार ही भागा है। घोड़े वहीं के वहीं हैं।
वहीं केंद्र की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने महाराष्ट्र गवर्नर और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का पत्र सुप्रीम कोर्ट को सौंपा। सॉलिसिटर जनरल ने पूछा कि क्या अनुच्छेद 32 के तहत किसी याचिका में राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी जा सकती है? राज्यपाल ने 9 नवंबर तक इंतजार किया। 10 तारीख को शिवसेना से पूछा तो उसने सरकार बनाने से मना कर दिया। 11 नवंबर को राकांपा ने भी मना किया। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस की सरकार गठन के लिए बुलाए जाने की याचिका पर विचार नहीं कर रहा। मेहता ने कहा कि उनके पास राज्यपाल के फैसले की ओरिजिनल कॉपी मौजूद है। मेहता ने अजित पवार की चिट्ठी बेंच को सौंपी। कहा- इसमें 54 हस्ताक्षर मौजूद हैं।