परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र की अहमियत और कब-कब इनसे सम्मानित होता है कोई सैनिक
नई दिल्ली। विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने 27 फरवरी को बहादुरी का प्रदर्शन करते हुए दुश्मन देश पाकिस्तान का फाइटर जेट एफ-16 जेट गिरा दिया। विंग कमांडर की ओर से की गई कार्रवाई के बाद अब उन्हें आज यानी 15 अगस्त को वीर चक्र से सम्मानित किया जाएगा। सिर्फ चार अक्षर से लिखा वीर चक्र बोलने में और लिखने में बहुत ही आसान है, लेकिन इसे हासिल करना बहुत कठिन है। सिर्फ वीर चक्र क्यों, परमवीर चक्र, महावीर चक्र, शौर्य चक्र हो या फिर कीर्ति चक्र, जब किसी सैनिक को इससे सम्मानित करने का फैसला सरकार की ओर से किया जाता है तो वह बस उस एक सैनिक नहीं बल्कि पूरी यूनिट और पूरी सेना का सम्मान बन जाता है। जानिए आखिर ऐसा क्या है इन चक्रों में और क्यों देश का हर सैनिक इसे हासिल करने का सपना संजो कर देशसेवा के लिए सेना में जाता है।
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परमवीर चक्र
परमवीर चक्र भारत का सर्वोच्च शौर्य सैन्य पुरस्कार है और यह पुरस्कार दुश्मनों की उपस्थिति में उच्चकोटि की शूरवीरता और बलिदान के लिए दिया जाता है। ज्यादातर स्थितियों में यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया है। इस पुरस्कार की स्थापना 26 जनवरी 1950 को उस समय की गई जब भारत को गणराज्य घोषित किया गया था। भारतीय सेना के किसी भी अंग के ऑफिसर्स या जवान इस पुरस्कार के पात्र हो सकते हैं। इसे देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न के बाद सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार समझा जाता है। परमवीर चक्र हासिल करने वाले शूरवीरों में सूबेदार मेजर वीर बन्ना सिंह जी ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जो कारगिल युद्ध तक जीवित थे।
महावीर चक्र
महावीर चक्र भारत का युद्ध के समय वीरता का पदक है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता या प्रकट शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। यह मरणोपरान्त भी दिया जा सकता है। वरीयता क्रम में यह परमवीर चक्र के बाद आता है। इसके साथ लगा हुआ रिबन आधा सफेद रंग और आधा नारंगी रंग का है।
वीर चक्र
वीर चक्र भारत का युद्ध के समय वीरता का पदक है। यह सम्मान सैनिकों को असाधारण वीरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। यह मरणोपरान्त भी दिया जा सकता है। इस पुरस्कार की स्थापना 26 जनवरी 1950 को हुई थी। विंग कमांडर अभिनंदन से पहले यह पुरस्कार साल 2000 में कारगिल वॉर के दौरान ऑपरेशन विजय में वीरता का प्रदर्शन करने के लिए हवलदार चुन्नी लाल को दिया गया था।
कीर्ति चक्र
कीर्ति चक्र भारत का शांति के समय वीरता का पदक है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता या प्रकट शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। यह मरणोपरांत भी दिया जा सकता है। वरियता मे यह महावीर चक्र के बाद आता है।इस सम्मान की स्थापना 4 जनवरी 1952 को हुई थी। 198 बहादुरों को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया है। पुरस्कार सेना, वायुसेना और नौसेना के ऑफिसर्स और जवानें के अलावा, टेरिटोरियल आर्मी और आम नागरिकों को भी दिया जाता है। उरी आतंकी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक को लीड करने वाले मेजर रोहित सूरी कीर्ति चक्र पुरस्कृत सैनिक हैं। इस वर्ष यह पुरस्कार सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट हर्षपाल सिंह और सेना के जवान महार रेजीमेंट के प्रकाश जाधव को मरणोपरांत इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
अशोक चक्र
अशोक चक्र भारत का शांति के समय का सबसे सर्वोच्च वीरता पदक है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता, शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। यह मरणोपरान्त भी दिया जा सकता है। अशोक चक्र राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है।अशोक चक्र पदक सम्मान सेना के जवान, आम नागरिक को जीवित या मरणोपरांत दिया जाता है। 1947 में आजादी के बाद से अब तक ६७ लोगों को अशोक चक्र सम्मान दिए गए हैं। इस सम्मान की स्थापना 4 जनवरी 1952 को हुई थी। साल 1987 में यह पुरस्कार पाकिस्तान में हाइजैक संकट का सामना करने वाली एयरहोस्टेस नीरजा भनोट को दिया गया था।
शौर्य चक्र
शौर्य चक्र भारत का शांति के समय वीरता का पदक है। वरीयता में यह कीर्ति चक्र के बाद आता है।यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को शांति काल के समय असाधारण वीरता या प्रकट शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। यह मरणोपरान्त भी दिया जा सकता है। इस पुरस्कार की स्थापना चार जनवरी 1952 में हुई थी। शांति काल में दिया जाने वाला यह पुरस्कार वीर चक्र के समकक्ष ही समझा जाता है।