विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने पास किया मेडिकल टेस्ट, 15 दिन बाद लौटेंगे फ्लाइंग पर!
नई दिल्ली। विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने फ्लाइंग के लिए जरूरी मेडिकल टेस्ट पास कर लिया है। वह जल्द ही फाइटर जेट उड़ाते नजर आएंगे। अभिंनदन ने 26 फरवरी को हुई बालाकोट एयरस्ट्राइक के अगले दिन 27 फरवरी को जम्मू कश्मीर में हुई डॉग फाइट में अपने मिग-21 से पाकिस्तान एयरफोर्स के एफ-16 को ढेर कर दिया था। केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें इस बहादुरी के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया जाएगा।
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करना होगा 15 दिन का इंतजार
बेंगलुरु स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एरोस्पेस मेडिसन की तरफ से अभिनंदन को फ्लाइंग के लिए फिट डिक्लेयर किया गया है। एक सीनियर इंडियन एयरफोर्स ऑफिसर की तरफ से बताया गया है कि कुछ पेपरवर्क का काम बचा हुआ है और उसके बाद विंग कमांडर अभिनंदन फ्लाइंग शुरू कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें एक छोटा रिफ्रेशर कोर्स करना होगा क्योंकि वह पिछले कुछ माह से फ्लाइंग से दूर हैं। ऑफिसर की मानें तो करीब 15 दिन बाद अभिनंदन फ्लाइंग पर लौट सकते हैं।
27 फरवरी को रचा इतिहास
अभिनंदन वर्तमान ने 27 फरवरी को उस समय इतिहास रचा था जब उन्होंने मात्र 90 सेकेंड्स में एफ-16 को ढेर कर दिया था। अभिनंदन दुनिया के पहले पायलट हैं जिन्होंने मिग से एफ 16 को ढेर किया। हालांकि उनका जेट भी क्रैश हो गया था और इसके बाद वह पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर में जा गिरे थे। विशेषज्ञों ने अभिनंदन को ऐसा कारनामा करने वाला दुनिया का पहला पायलट बताया था। मिग-21 जहां 60 के दशक का फाइटर जेट है तो वहीं एफ-16 एक मॉर्डन जेट है। ऐसे में अभिनंदन ने जो किया वह दुनिया में लोगों ने पहली बार देखा था।
60 दिन बाद लौटे भारत वापस
अभिनंदन पीओके में जा गिरे और एक मार्च को 60 घंटे तक कैद में रखने के बाद पाकिस्तान ने उन्हें वापस वतन भेजा था। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद अगले दिन पाकिस्तान एयरफोर्स के फाइटर जेट्स जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के सुंदरबनी सेक्टर तक में दाखिल हो गए थे। वीर चक्र भारत का तीसरा सर्वोच्च मिलिट्री सम्मान है और इससे पहले दूसरे नंबर पर परमवीर चक्र और पहले नंबर पर महावीर चक्र है। अभिनंदन फिलहाल इजेक्शन के बाद होने वाली चोटों से उबर रहे हैं।
15 अगस्त को मिल सकता है वीर चक्र
जिस समय घटना हुई थी उस समय वह श्रीनगर स्थित एयरफोर्स की 51वीं स्क्वाड्रन में पोस्टेड थे। कुछ दिनों पहले सुरक्षा कारणों की वजह से उन्हें दूसरे बेस पर शिफ्ट कर दिया गया है। फिलहाल वह नए बेस पर प्रशासनिक ड्यूटीज को अंजाम दे रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि 15 अगस्त वाले दिन अगर पुरस्कार का ऐलान किया जाता है तो फिर यह फाइटर पायलट की बहादुरी और उनके प्रोफेशनलिज्म को पहचान देने के बराबर होगा।