'आरोग्य सेतु' पर राहुल गांधी के आरोपों का रविशंकर प्रसाद ने दिया जवाब, बोले- आप अपने ट्वीट आउटसोर्स करना बंद करें
नई दिल्ली। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अनिवार्य किए गए आरोग्य सेतु ऐप को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बाद अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी निजता और डेटा सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। राहुल ने कहा कि टेक्नॉलजी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकता है, लेकिन भय का लाभ उठाकर लोगों को उनकी सहमति के बिना ट्रैक नहीं किया जाना चाहिए।
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राहुल गांधी के इस सवाल पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि जिस ऐप को पूरी दुनिया में सराहा जा रहा है, उसपर राहुल गांधी बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हर रोज एक झूठ...आरोग्य सेतु एक शक्तिशाली साथी है जो लोगों की सुरक्षा करता है, आरोग्य सेतु में बेहतर डेटा सिक्योरिटी आर्किटेक्चर है। जिन लोगों ने जिंदगी भर सर्विलांस ही किया है, वो नहीं जानते कि तकनीक का फायदा कैसे उठाया जा सकता है। आरोग्य सेतु को पूरी दुनिया में सराहा जा रहा है। ये ऐप किसी प्राइवेट सेक्टर से आउटसोर्स नहीं है। राहुल गांधी ये सही समय है जब आप भारत को न समझने वाले लोगों से अपने ट्वीट आउटसोर्स करना बंद कर दें।
Daily a new lie.
Aarogya Setu is a powerful companion which protects people. It has a robust data security architecture.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) May 2, 2020
Those who indulged in surveillance all their lives, won’t know how tech can be leveraged for good! https://t.co/t8ThXmddcS
आपको बता दें कि आरोग्य सेतु ऐप को भारत में तेज़ी से डाउनलोड और इंस्टॉल किया जा रहा है। ऐप ने लॉन्च के कुछ दिनों के अंदर लाखों डाउनलोड्स हासिल कर लिए थे और अब लेटेस्ट जानकारी के मुताबिक, आरोग्य सेतु ऐप को को 7.5 करोड़ (75 मिलियन) बार डाउनलोड किया जा चुका है। आरोग्य सेतु ऐप को 2 अप्रैल को लॉन्च किया गया था और तब से तेजी से बढ़ रहा है।
क्या कहा है राहुल गांधी ने
अपने ट्वीट में राहुल ने लिखा है "आरोग्य सेतु ऐप एक परिष्कृत निगरानी प्रणाली है। जो एक प्राइवेट ऑपरेटर का आउटसोर्स है। साथ ही इसमें संस्थागत स्तर पर कोई निगरानी नहीं की जा रही है। इस ऐप से डेटा और गोपनीयता से जुड़े कई समस्या हैं। टेक्नोलॉजी हमें सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है, लेकिन बिना लोगों की सहमति के उन्हें ट्रैक करना गलत है। भय के नाम पर लाभ उठाना गलत हैं"।
क्या कहती है ऐप पर मंत्रालय की गाइडलाइन
मंत्रालय की गाइडलाइन में कंटेनमेंट जोन में आरोग्य सेतु ऐप की 100 फीसदी कवरेज के लिए कहा गया है। गाइडलाइन में एक तरफ कंटेनमेंट जोन के सभी नागरिकों में आरोग्य सेतु ऐप की 100 फीसदी कवरेज 'जरूरी तौर पर तय' करने के लिए कहा गया है। वहीं कोरोना प्रबंधन के लिए दिए गए राष्ट्रीय निर्देशों में ग्रीन जोन में रह रहे नागरिकों से भी इस ऐप को 'डॉउनलोड करने के लिए' कहा गया है। दो अप्रैल को लॉन्च की गई आरोग्य सेतु ऐप को भारत सरकार ने बनाया है, यह एक कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग टूल है। इसके जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि क्यो कोई शख्स कोरोना संक्रमित से संपर्क में आया है या नहीं। ऐप की प्राइवेसी और सर्विलांस के लिए बड़े पैमाने पर आलोचना भी हुई है। इसमें ऑडिट और पारदर्शिता की भी कमी की बात लोगों ने कही है।