किसने बनाया आरोग्य सेतु ऐप? सरकार ने बयान जारी कर दी जानकारी
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारत में जहां हर जगह आरोग्य सेतु ऐप अनिवार्य कर दिया गया था, अब इस ऐप को लेकर सवालिया-निशान खड़े हो रहे हैं। सरकारी वेबसाइटों को डिजाइन करने वाले नैशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर ने कहा है कि आरोग्य सेतु ऐप को किसने बनाया, यह उसे पता ही नहीं है। अब सरकार की ओऱ से इस पर सफाई आई है। आरोग्य सेतु ऐप के निर्माण को लेकर भारत सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, कहा- ऐप को उद्योग और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के सहयोग से बनाया गया है।
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दरअसल सौरव दास नाम के एक शख्स ने चीफ इन्फॉर्मेशन कमीशन में शिकायत दर्ज कराई थी। दास ने दावा किया था कि उन्होंने आरोग्य सेतु ऐप को बनाने वाले के बारे में जानकारी के लिए एनआईसी, नेशनल ई-गवर्नेंस डिविजन और मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से संपर्क किया था। न तो एनआईसी और न ही मिनिस्ट्री ने उन्हें इस बारे में कोई जानकारी दी है।
इसके बाद केंद्रीय सूचना आयोग ने मंगलवार को नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (NIC) से जवाब मांगा था। सीआईसी ने पूछा कि, जब आरोग्य सेतु ऐप के वेबसाइट पर उनका नाम है, तो फिर उनके पास ऐप के डेवलपमेंट को लेकर को डिटेल क्यों नहीं है? आयोग ने इस संबंध में कई चीफ पब्लिक इन्फॉर्मेशन अधिकारियों सहित नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन , इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और NIC को कारण बताओ नोटिस भेजा था।
जिसके बाद आज सरकार ने अपनी पक्ष रहा है। सरकार ने बताया कि, आरोग्य सेतु ऐप के निर्माण उद्योग और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के सहयोग से बनाया गया है। इससे पहले राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि, आरोग्य सेतु ऐप जासूसी करने का सिस्टम है और इसे बिना किसी संस्थान की निगरानी के प्राइवेट ऑपरेटर को सौंप दिया गया है। यह डाटा और निजता को लेकर गंभीर चिंता पैदा करता है। तकनीक हमें सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है, पर इसका भी डर है कि इसका फायदा बिना किसी नागरिक की मंजूरी के उसे ट्रैक करके उठाया जाए।
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