सरकार- LG मिलकर काम नहीं करेंगे तो दिल्ली को होगी परेशानी: शीला दीक्षित
नई दिल्ली। आज अपने ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को राहत की खबर दी है। देश की सर्वोच्च अदालत ने दो टूक शब्दों में साफ कहा कि उप राज्यपाल के पास स्वतंत्र अधिकार नहीं हैं, असली ताकत चुनी हुई सरकार के पास है क्योंकि वो जनता के मतों से सत्ता में आई है। उप राज्यपाल को दिल्ली सरकार की कैबिनेट की सलाह से काम करना चाहिए, हर मामले के लिए राष्ट्रपति के पास जाने की आवश्यकता नहीं है।
शीला दीक्षित ने साधा केजरीवाल सरकार पर निशाना
फिलहाल केजरीवाल सरकार अदालत के इस फैसले पर खुशी जता रही है तो वहीं दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने एक बार फिर से केजरीवाल सरकार पर धावा बोला है। शीला दीक्षित ने कहा काम चाहे उप राज्यपाल के नियंत्रण में आए या फिर सीएम के नियंत्रण में, दोनों को हर हालत में मिलकर ही काम करना होगा और इसी से दिल्ली का भला होगा, सुप्रीम कोर्ट ने संविधान में दिए गए प्रावधानों को ही दोहराया है।
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'कभी उप राज्यपाल झुक जाते थे और कभी हम झुक जाते थे'
जब दिल्ली में हमारी सरकार थी, तब भी मतभेद होते थे, लेकिन हम मिलकर सुलझा लेते थे, कभी उप राज्यपाल झुक जाते थे और कभी हम झुक जाते थे।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला केजरीवाल के मुंह पर तमाचा
मालूम हो कि केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने कहा है कि हर मामले को तकनीकी पहलू में नहीं उलझाया जा सकता। एलजी और सरकार दोनों की जिम्मेदारी है कि काम ठीक से हों और हर काम में अराजकता ना हो। आम आदमी पार्टी ने इसे अपनी जीत कहा है तो भाजपा की ओर से इसे केजरीवाल के लिए तमाचा कहा गया है।
केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती
आपको बता दें कि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि उपराज्यपाल (एलजी) ही दिल्ली के एडमिनिस्ट्रेटिव हेड हैं और कोई भी फैसला उनकी मंजूरी के बिना नहीं लिया जाए।
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