अलका लांबा के AAP छोड़ने की बात पर पार्टी ने ली चुटकी, बताया ऐसे भेज दें इस्तीफा
नई दिल्ली- आम आदमी पार्टी ने अपनी विधायक अलका लांबा के पार्टी छोड़ने के ऐलान पर तंज कसा है। पार्टी ने कहा है कि वो दर्जनों बार ऐसा कर चुकी हैं। गौरतलब है कि रविवार को ही अलका लांबा ने आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने की घोषणा की थी, लेकिन औपचारिकता में वक्त लगने का संकेत दिया था।
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इस्तीफा भेजने में एक मिनट लगता है, फिर देरी क्यों
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने ट्वीटर को हथियार बनाकर ही विधायक अलका लांबा पर तंज कसा है। उन्होंने चुटकी लेते हुए लिखा है कि अगर वो ट्विटर पर इस्तीफा भेजती हैं तो भी हम उसे भी मान लेंगे। उन्होंने लिखा है, "वो पहली भी दर्जनों बार ऐसी घोषणा कर चुकी हैं। पार्टी नेतृत्व को इस्तीफा भेजने में 1 मिनट लगता है। हम इसे ट्वीटर पर भी स्वीकार कर लेंगे।" इससे पहले लांबा ने कहा था कि उन्होंने लोगों से राय-मशवरे के बाद पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया है और जल्द ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे देंगी, लेकिन विधायक के तौर पर अपना काम करती रहेंगी।
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पार्टी छोड़ने के ऐलान के बाद लांबा ने क्या कहा
दिल्ली की चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी को छोड़ने का ऐलान करने के बाद रविवार को ट्वीटर पर लिखा कि ये जनता का फैसला है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी में सम्मान से रहना मुश्किल है, इसलिए इस्तीफा देने का फैसला लिया है। उन्होंने पार्टी से निकालने के लिए चुनौती देते हुए ये भी कहा है कि अगला चुनाव भी चांदनी चौक से ही निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ेंगी।
पहले भी भारद्वाज, अलका को दे चुके हैं चुनौती
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने पिछले अप्रैल में भी उन्हें पार्टी से इस्तीफा देकर निकल जाने की चुनौती दी थी। बता दें कि दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने वाला है और उनके इस्तीफे को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से सवाल पूछ लिए थे, जिसके बाद उन्हें पार्टी विधायकों के आधिकारिक व्हाट्सअप ग्रुप से बाहर कर दिया गया था। लांबा ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करने से भी मना कर दिया था, यहां तक कि उन्होंने केजरीवाल के रोड शो में उनकी गाड़ी के पीछे चलने से भी परहेज दिखाया था।आम आदमी पार्टी के साथ उनके ताल्लुकात तब बिगड़ने शुरू हो गए थे,जब पिछले साल दिसंबर में उन्होंने राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के 'आप' के प्रस्ताव का विरोध किया था।
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