सुप्रीम कोर्ट का फैसला केजरीवाल के मुंह पर तमाचा: मनोज तिवारी
नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच के फैसले को केजरीवाल के लिए झटका कहा है। तिवारी का कहना है कि फैसला अरविंद केजरीवाल के गाल पर करारा तमाचा मारा है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायलय ने संविधान सम्मत काम करने, अराजकता का स्थान ना होने की बात कही है, जो केजरीवाल को आईना है।
मनोज तिवारी ने कहा कि एलजी किसी भी संविधान सम्मत बात को कभी नहीं रोकेंगे लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री संविधान नहीं मानते और अपनी चलाते हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने उनको आईना दिखाया है कि वो संविधान के अनुरूप काम करें।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधलार को अपने फैसले में कहा है कि जनमत का महत्व है और चुनी हुई सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि हर मामले को तकनीकी पहलू में नहीं उलझाया जा सकता। एलजी और सरकार दोनों की जिम्मेदारी है कि काम ठीक से हों और हर काम में अराजकता ना हो। एलजी दिल्ली के प्रशासक हैं, वो कैबिनेट की सलाह से काम करें।
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दिल्ली की आप सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के 4 अगस्त, 2016 के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें उप राज्यपाल को प्रशासनिक प्रमुख बताते हुए कहा गया था कि वे मंत्रिमंडल की सलाह मानने को बाध्य नहीं हैं। मामले पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया है।
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