BJP पार्षद की गिरफ्तारी पर बोली AAP, दिल्ली में हर किसी को मकान बनाने से पहले देनी होती है मोटी रिश्वत
नई दिल्ली। बीजेपी पार्षद मनोज महलावत को शुक्रवार को 10 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। भ्रष्टाचार के इस बड़े मुद्दे को लेकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने बीजेपी को आड़े हाथ लिया है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मनोज महलावत की गिरफ्तारी के बाद एमसीडी में सक्रिय बिल्डिंग डिपार्टमेंट माफिया का पर्दाफाश हो गया। आम आदमी पार्टी ने सीबीआई को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने ये गिरफ्तारी तो गलती से कर ली है, सीबीआई ने गिरफ्तारी के बाद इस बात छिपा लिया था।
बिल्डिंग निर्माण के लिए हर किसी को MCD में देनी पड़ती है रिश्वत- AAP
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी ने बिल्डिंग बनाने को लेकर नियम-कायदे बहुत कठिन किए हुए हैं। ईमानदार से ईमानदार व्यक्ति को भी मकान बनाने के लिए एमसीडी को रिश्वत देनी ही पड़ती है, इसके अलावा कोई विकल्प ही नहीं है। उन्होंने कहा कि एमसीडी का बिल्डिंग डिपार्टमेंट माफिया बेलदार से लेकर पार्षद तक चलता है। उन्होंने भाजपा से सवाल करते हुए कहा कि भाजपा बताए कि पार्षद जो करोड़ों रुपए इकट्ठा करके लाते हैं, वे उस पैसे को किस-किस को देते हैं। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं दिल्ली की एक विधानसभा का विधायक होने के नाते पूरी जिम्मेदारी के साथ इस बात को कह रहा हूं कि यदि आपको दिल्ली में अपना मकान बनाना है, तो आप चाहे कितने ही इमानदार क्यों न हो, आप चाहे कितने ही कानून पालक क्यों न हो, बिना एमसीडी को पैसा दिए आप अपना घर बना ही नहीं सकते।
कल एक भाजपा पार्षद बिल्डिंग का लेंटर डालने के बदले ₹10 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया।
सीबीआई को बाद में पता चला कि वो पार्षद भाजपा से है, इसीलिए सीबीआई के प्रेस रिलीज में कहीं भी ये नहीं बताया कि भाजपा पार्षद को रंगेहाथ पकड़ा गया।- मुख्य प्रवक्ता श्री @Saurabh_MLAgk pic.twitter.com/wJf1deNWsn
— AAP (@AamAadmiParty) December 4, 2020
नए निगम पार्षदों ने तो पुरानों के भी रिकॉर्ड तोड़ दिए- सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी के भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछली बार दिल्ली नगर निगम के चुनाव में एक नारा दिया था, नए चेहरे नई उड़ान और इन नए निगम पार्षदों ने पिछले वालों के भ्रष्टाचारियों के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। भाजपा द्वारा पहले किए गए तमाम भ्रष्टाचारों में आज एक बहुत बड़ा सम्मान शामिल हुआ है। क्योंकि यह निगम पार्षद नए हैं, तो इन लोगों ने अपना दिमाग लगाया और सोचा की बेलदार को पैसों की उगाही करने के लिए क्यों भेजा जाए। यदि बेलदार को भेजा जाएगा तो उसका हिस्सा निगम के अन्य अधिकारियों को भी देना पड़ेगा और हमारे हाथ कम हिस्सा आएगा।
10 लाख की रिश्वत लेते पकड़े गए मनोज महलावत
- सौरभ भारद्वाज ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के वसंत कुंज वार्ड 69 एस दक्षिणी दिल्ली नगर निगम से पार्षद मनोज महलावत ने खसरा नंबर 644 में हो रहे निर्माण कार्य के लिए 10 लाख रुपए की रिश्वत मांग ली। इस भ्रष्टाचार पर पूरी जानकारी देते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि जब इस निर्माण कार्य की जानकारी नगर निगम को मिली तो 23 नवंबर 2019 को वहां के क्षेत्रीय ए. ई. संजीव अरोड़ा ने, जगह के मालिक को एक नोटिस भेज दिया। नोटिस देने के बाद मकान मालिक से सौदेबाजी की गई। उन्होंने बताया कि आप सब को जानकर हैरानी होगी कि सौदेबाजी खुद भाजपा के निगम पार्षद मनोज मेहलावत जी कर रहे थे। सौरभ भारद्वाज ने बताया कि जिस व्यक्ति के साथ सौदेबाजी की जा रही थी, उसकी सरकार में बड़े अधिकारियों से पहचान थी। एक बड़े अधिकारी ने सीबीआई को इस बात की जानकारी दी कि नगर निगम का एक इंजीनियर मुझसे 10 लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा है। सीबीआई ने एमसीडी का जे.ई. समझ कर उसको पकड़ने के लिए जाल बिछाया।
- इस भ्रष्टाचार की सबसे महत्वपूर्ण बात बताते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कल शाम करीब 7.00 बजे भाजपा के निगम पार्षद मनोज मेहलावत सीबीआई द्वारा रंगे हाथों 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए। पकड़े जाने के बाद मनोज मेहलावत ने भागने की कोशिश की, जिसकी वजह से आसपास में काफी हलचल हो गई और आसपास के लोगों को इस भ्रष्टाचार के बारे में पता चल गया। इस मामले में बेहद आश्चर्य करने वाली जानकारी पत्रकारों से साझा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि सीबीआई को बाद में पता चला कि वह भाजपा का निगम पार्षद है, जिसके लिए सीबीआई को ऊपर से बहुत फटकार पड़ी। यही कारण है कि कल शाम की प्रेस विज्ञप्ति में सीबीआई ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि उन्होंने भाजपा के एक निगम पार्षद को रंगे हाथों 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। उन्होंने कहा कि मैंने बहुत से प्रतिष्ठित पत्रकारों से भी इस संबंध में बात की तो पता चला, कि किसी को भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बात समझ के बिल्कुल ही परे है कि आखिर सीबीआई ने भाजपा के भ्रष्ट निगम पार्षद की जानकारी क्यों छुपाई? क्यों नहीं सीबीआई ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में यह बताया कि भ्रष्टाचार में पकड़ा गया व्यक्ति भाजपा का निगम पार्षद है? उन्होंने कहा यही नहीं, आज जब उसे अदालत में पेश किया गया, तो इस संबंध में किसी मीडिया को, किसी पत्रकार को जानकारी नहीं दी गई। यदि आम आदमी पार्टी के किसी व्यक्ति को झूठे केस में भी पकड़ लिया जाता है, तो पूरा मीडिया समस्त पत्रकार वहां मौजूद होते हैं। परंतु बड़ी विचित्र बात है कि भाजपा का एक निगम पार्षद 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया परंतु किसी को कानों कान खबर नहीं होने दी गई।