अब बैंक खाते और सिम के लिए नहीं देना होगा आधार, सरकार ने कानून संशोधन को दी मंजूरी
नई दिल्ली। कैबिनेट ने सोमवार को शीतकालीन सत्र में मोबाइल फोन और बैंक अकाउंट से आधार को लिंक करने की मंजूरी देने वाले कानून में संशोधन को हरी झंडी दी। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में टेलिग्राफ एक्ट और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) में संशोधन के मसौदे को मंजूरी दी गई। अब जरूरी बदलावों को ध्यान में रखते हुए नया ड्राफ्ट तैयार कर विधेयक लाया जाएगा। फिर उसे संसद के इसी सत्र में लोकसभा में पेश किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट के सेक्शन-57 को खत्म कर दिया
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के इस आशय के एक प्रस्ताव पर सोमवार को मुहर लगा दी। सरकार औपचारिक तौर पर इसकी घोषणा संसद में करेगी। सरकार अब इस आशय का विधेयक संसद के मौजूदा सत्र में ही पेश कर सकती है।प्रस्ताव के मुताबिक इसके लिए प्रिवेन्शन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) और टेलीग्राफ एक्ट में भी संशोधन करेगी। संशोधन के बाद पीएमएलए के तहत आधार को वैध दस्तावेज की मान्यता मिल जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने पैन के लिए आधार की अनिवार्यता को बरकरार रखा
संसद से कानून बन जाने के बाद लोगों के पास बैंक खातों और मोबाइल सिम खरीदने के लिए आधार के इस्तेमाल का विकल्प भी होगा। सुप्रीम कोर्ट के आधार की वैद्यानिकता की याचिका पर सुनवाई के बाद आधार एक्ट के सेक्शन-57 को खत्म कर दिया था। साथ ही कोर्ट ने आधार को बैंक खातों और मोबाइल नंबर से अनिवार्य रूप से लिंक करने पर रोक लगा दी थी। आधार एक्ट का सेक्शन-57 प्राइवेट कंपनियों को आधार आधारित वेरिफिकेशन की इजाजत देता था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार में कई स्तर पर चर्चा हुई, जिसमें सेक्शन-57 को फिर से लागू नहीं करने पर सहमति बनी।
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ग्राहकों को उनके बैंक खातों को आधार से जोड़ने का विकल्प मिलेगा
बता
दें
कि,
सुप्रीम
कोर्ट
ने
अपने
फैसले
में
कहा
था
कि
बैंक
अकाउंट
खोलने
के
लिए
आधार
कार्ड
अनिवार्य
नहीं
है।
इसके
अलावा
मोबाइल
सिम
के
लिए
आधार
कार्ड
जरूरी
नहीं।
लेकिन
सुप्रीम
कोर्ट
ने
पैन
के
लिए
आधार
की
अनिवार्यता
को
बरकरार
रखा
है।
जिसके
बाद
सरकार
ने
घोषणा
की
थी
कि,
वह
अगले
सत्र
में
आधार
के
नियमों
को
लेकर
संशोधन
करेगी।
इस
बदलाव
के
बाद
ग्राहकों
को
उनके
बैंक
खातों
को
आधार
से
जोड़ने
का
विकल्प
मिल
जाएगा।
हालांकि,
यह
ग्राहकों
की
इच्छा
पर
ही
निर्भर
करेगा।
ग्राहक
चाहें
तो
दूसरे
दस्तावेजों
का
भी
इस्तेमाल
कर
सकेंगे।
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