'आधार' से मोदी सरकार ने बचाए 9 अरब डॉलर- नंदन नीलेकणि
यूआईडीएआई के पूर्व चेयरमैन नीलेकणि ने कहा कि आधार के यूनीक नंबर ने फर्जी और दोहरा लाभ ले रहे लोगों की पहचान की है।
नई दिल्ली। इन्फोसिस के कार्यकारी अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों खासतौर से डिजिटल इंडिया योजना की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि डिजिटल ढांचा खड़ाकर भारत ने लंबी छलांग लगाई है। विकासशील देश ऐसा कर सकते हैं। देश मे लोग डिजिटल अर्थव्यवस्था का लाभ उठा भी रहे हैं। नंदन नीलेकणि वाशिंगटन में विश्व बैंक द्वारा आयोजित विकास के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था विषयक बैठक में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश में आधार कार्ड धारकों की संख्या एक अरब डॉलर पार कर गई है। आधार के जरिये फर्जी लाभार्थियों को हटाने से सरकार को 9 अरब डॉलर की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में ऐसे 50 करोड़ लोग हैं जिन्होंने अपनी पहचान को सीधे बैंक खातों से जोड़ा है. दुनिया की सबसे बड़े नकदी हस्तांतरण प्रणाली में सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक रूप से 12 अरब डॉलर बैंक खातों में हस्तांतरित किए. आधार से इसी तरह की और भी कई चीजें जुड़ी हैं।
यूआईडीएआई के पूर्व चेयरमैन नीलेकणि ने कहा कि आधार के यूनीक नंबर ने फर्जी और दोहरा लाभ ले रहे लोगों की पहचान की है। यह सही मायने में गरीब लोगों की मदद का आधार बना है। सरकार करीब 780 अरब रुपये डिजिटल माध्यम से सामाजिक योजना के लाभार्थियों के बैंक खाते में डाल रही है।
नीलेकणि ने कहा कि डाटाबेस, पहचान प्रमाणीकरण, डिजिटल भुगतान, पेपरलेस भुगतान भारत की नई अर्थव्यवस्था की पहचान बन चुके हैं। सरकार के साथ आम नागरिक भी इसका लाभ उठा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने डिजिटल आईडी को प्रमाणित करने के लिए विश्व बैंक की भी सराहना की। उल्लेखनीय है कि विगत कुछ समय से मोदी सरकार खराब अर्थव्यवस्था के आरोपों का समाना कर रही है। विपक्षी पार्टियों के अलावा बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता भी इस मुद्दे पर पीएम मोदी और वित मंत्री अरूण जेटली की नीतियों पर सवाल उठा चुके हैं। ऐसे में नीलेकणि द्वारा देश के डिजिटल आर्थिक ढांचे की तारीफ करना मोदी सरकार को राहत पहुंचानें वाला है।
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