आयुष्मान भारत के तहत दूसरी बार इलाज कराने के लिए आधार अनिवार्य
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) का पहली बार लाभ उठाने के लिए भले ही आधार की आवश्यकता नहीं है, लेकिन इस योजना के तहत दूसरी बार लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है।
नई दिल्ली। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) का पहली बार लाभ उठाने के लिए भले ही आधार की आवश्यकता नहीं है, लेकिन इस योजना के तहत दूसरी बार लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। नेशनल हेल्थ एजेंसी के सीईओ इंदु भूषण ने बताया कि अगर लाभार्थी के पास आधार नंबर नहीं है तो उन्हें ये साबित करने के लिए कोई दस्तावेज दिखाने होंगे कि उन्होंने आधार के लिए रजिस्टर कराया है।
दूसरी बार इलाज के लिए चाहिए होगा आधार
हाल ही में लॉन्च की गई आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत दूसरी बार इलाज कराने के लिए आधार अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट के आधार को संवैधानिक रूप से मान्य घोषित किए जाने के बाद ये फैसला लिया गया है। नेशनल हेल्थ एजेंसी के सीईओ इंदु भूषण ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़ रहे हैं। योजना के तहत दूसरी बार इलाज कराने के लिए आधार नंबर या कम से कम दस्तावेज की आपने इस 12 अंक की विशिष्ट पहचान संख्या के लिए एनरोल किया है, जरूरी है।'
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हाल ही में लॉन्च की गई है योजना
भूषण ने आगे बताया कि योजना के तहत पहली बार इलाज कराने के लिए आधार अनिवार्य नहीं है। इसका लाभ लेने के लिए लाभार्थी कोई भी पहचान पत्र दिखा सकता है। आयुष्मान भारत-नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन (AB-NHPM) जिसे बाद में बदलकर आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) किया गया, इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर को झारखंड में लॉन्च किया था।
47,000 से अधिक लोगों ने उठाया लाभ
नेशनल हेल्थ एजेंसी के डिप्टी सीईओ दिनेश अरोड़ा ने बताया कि, 'योजना के शुरु होते ही 47,000 से अधिक लोगों ने इसका लाभ उठाया है, जिसे दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य बीमा योजना के रूप में बताया गया है। वहीं 92,000 से अधिक गोल्ड कार्ड दिए गए हैं।' इस योजना के तहत सरकार ने सभी परिवारों को 5 लाख रुपये का बीमा कवरेज देने का लक्ष्य रखा है।
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कुछ राज्य नहीं लेंगे इस योजना का लाभ
इस योजना के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों 14,000 से अधिक अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है, और 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कर योजना को लागू करेंगे। तेलंगाना, ओडिशा, दिल्ली और केरल ने इस योजना को नहीं लागू करने का फैसला लिया है।