दिल्ली में खोया बच्चा, मां को राजस्थान में बेचा, मां-बेटे के खोने-पाने की दर्दनाक कहानी
नौकरी का झांसा देकर युवती को राजस्थान में बेचा। दो महीने के बाद युवती गुलामी से निकल भागी।
दिल्ली। असम की एक युवती को पहले नौकरी का झांसा देकर दिल्ली लाया गया। फिर वहां उसके दो साल के मासूम बच्चे को छीन लिया गया। युवती को राजस्थान में गुलाम बनाकर बेचा गया।
किसी तरह युवती अपने खरीदार की कैद से निकल भागी और दिल्ली आकर अपने मासूम बेटे को खोजने लगी। गुलामी के जुल्म से निकलकर नन्हे बेटे से मिलने में युवती कैसे कामयाब हुई, यह एक दर्दभरी दास्तान है।
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असम से पहले युवती को दिल्ली लाया
असम में गुवाहाटी के नूनमती इलाके की एक 22 साल की युवती काम की तलाश में अपनी दोस्त के यहां गई थी। वहां उसकी मुलाकात मुहाजिर अली से हुई जिसने उसे दिल्ली में नौकरी दिलाने का वादा किया। युवती उस वक्त गर्भवती थी और उसका एक दो साल का बेटा था।
युवती के पति ने इसके बारे में बताया कि अगले ही दिन अली उनकी पत्नी और बेटे को लेकर दिल्ली चला गया।
दिल्ली से किया युवती का अपहरण
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर युवती अपने बेटे के साथ थी। उसके साथ मुहाजिर अली के साथ दो और लोग थे। बाकी दोनों ने बच्चे को देखने की बात कही और मुहाजिर अली, युवती को नौकरी दिलाने की बात कहकर ले गया।
अचानक अली कहीं गायब हो गया और कुछ लोगों ने युवती को जबर्दस्ती एक वैन में बिठा लिया। उसकी आंखों पर पट्टी बांधी गई थी।
राजस्थान ले जाकर बिजनेसमेन को बेचा
युवती का अपहरण कर राजस्थान ले जाया गया जहां उसे एक बिजनेसमेन के हाथों 70,000 रुपए में गुलाम बनाकर बेच दिया गया।
बिजनेसमेन ने युवती को घर के कामों को करने पर मजबूर किया और जब उसने भागने की कोशिश की तो उसे एक कोठरी में बंद कर दिया। बिजनेसमेन के घर में युवती लगभग दो महीने तक कैद रही।
गुलामी की कैद से किसी तरह भागी युवती
दो महीने के बाद युवती गुलामी की कैद से भागने में कामयाब हुई और दिल्ली पहुंची। वह अपने दो साल के बच्चे को खोजने लगी। वहां एनजीओ और पुलिस की मदद से युवती अपने बच्चे से मिलने में कामयाब हुई।
युवती को अपना बच्चा कूड़ा बीनने वाले एक परिवार के यहां मिला जो उसको पाल रहा था। उस परिवार को यह बच्चा लावारिस हालत में निजामुद्दीन दरगाह के पास मिला था। परिवार ने पुलिस को बच्चे के बारे में बताया था लेकिन उसके माता-पिता का पता तब नहीं लगाया जा सका था।
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