टाइमलाइन: सितंबर 2020 में शुरू हुआ था किसान आंदोलन, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ?
नई दिल्ली, 19 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला ले लिया है। शुक्रवार (19 नवंबर) को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा, ''आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।'' पीएम नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि शायद हमारी तपस्या में भी कोई कमी रही होगी, जो हम अपनी बात आंदोलन कर रहे किसानों को नहीं समझा पाएं। पीएम मोदी ने आंदोलन कर रहे किसानों से भी अपील की है कि वह अब अपने-अपने घर वापस जाएं और खेतों में काम शुरू करें। देश में तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ सितंबर 2021 में किसान आंदोलन शुरू हुआ था। तब से लेकर आज तक किसान आंदोलन के तहत कई विरोध प्रदर्शन हुए। कई किसानों की मौत हुई, सरकार के साथ कई राउंड बातचीत हुई आइए जानें सितंबर 2020 से लेकर अब तक किसान आंदोलन में कब-कब क्या हुआ। पढ़ें पूरी टाइमलाइन

14 सितंबर 2020 को तीन कृषि विधेयकों का अध्यादेश संसद में लाया गया
5 जून, 2020: भारत सरकार ने तीन कृषि विधेयकों को प्रख्यापित किया। जिसमें मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता, किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020, आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 शामिल था।
14 सितंबर, 2020: तीन कृषि विधेयकों अध्यादेश संसद में लाया गया।
17 सितंबर, 2020: लोकसभा में अध्यादेश पारित हुआ।
20 सितंबर, 2020: राज्यसभा में ध्वनिमत से तीन कृषि विधेयकों का अध्यादेश पारित हुआ।

24 सितंबर 2020 को किसानों ने 'रेल रोको' का ऐलान किया
24 सितंबर 2020: पंजाब में किसानों ने तीन दिवसीय रेल रोको की घोषणा की।
25 सितंबर 2020: अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के आह्वान के जवाब में पूरे भारत के किसान सड़कों पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किए।
27 सितंबर 2020: कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति की सहमति दी गई और भारत के राजपत्र में अधिसूचित किया गया और कृषि कानून बन गए।
3 नवंबर 2020: देशव्यापी सड़क नाकेबंदी सहित नए कृषि कानूनों के खिलाफ छिटपुट विरोध देखने को मिला।
25 नवंबर 2020: पंजाब-हरियाणा में किसान संघों ने 'दिल्ली चलो' आंदोलन का आह्वान किया। लेकिन कोरोना को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने इसे अस्वीकार कर दिया।

3 दिसंबर 2020 को सरकार के साथ आंदोलनकारी किसानों की हुई बात
26 नवंबर 2020: दिल्ली की ओर मार्च कर रहे किसानों को हरियाणा के अंबाला जिले में पुलिस ने रोका। किसानों पर पानी की बौछारों, आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें उत्तर-पश्चिम दिल्ली के निरंकारी मैदान में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी गई।
28 नवंबर 2020: गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों के साथ बातचीत करने की पेशकश की। लेकिन , जंतर-मंतर पर धरना देने की मांग को लेकर किसानों ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
3 दिसंबर 2020: सरकार ने किसानों के प्रतिनिधियों के साथ पहले दौर की बातचीत की, लेकिन बैठक बेनतीजा रही।
5 दिसंबर,2020: किसानों और केंद्र के बीच दूसरे दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही।

भारत बंद से भूख हड़ताल तक
8 दिसंबर, 2020: किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया। किसानों के साथ अन्य राज्यों के किसानों ने भी इस आह्वान का समर्थन किया।
9 दिसंबर, 2020: किसान नेताओं ने तीन विवादित कानूनों में संशोधन के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कानूनों को निरस्त किए जाने तक अपने आंदोलन को जारी रखने की बात कही।
11 दिसंबर, 2020: भारतीय किसान संघ तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
16 दिसंबर, 2020: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह विवादित कृषि कानूनों पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए सरकार और किसान संघों के प्रतिनिधियों के साथ एक पैनल का गठन कर सकता है।
21 दिसंबर, 2020: किसानों ने सभी विरोध स्थलों पर एक दिवसीय भूख हड़ताल की।
30 दिसंबर, 2020: सरकार और किसान नेताओं के बीच छठे दौर की बातचीत में कुछ प्रगति हुई क्योंकि केंद्र ने किसानों को पराली जलाने के जुर्माने से छूट देने और बिजली संशोधन विधेयक, 2020 में बदलाव को छोड़ने पर सहमति व्यक्त की।
4 जनवरी, 2021: सरकार और किसान नेताओं के बीच सातवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही क्योंकि केंद्र कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए सहमत नहीं था।

26 जनवरी को हुआ जमकर बवाल
7 जनवरी 2021: सुप्रीम कोर्ट 11 जनवरी को नए कानूनों और विरोध के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत हुआ।
11 जनवरी 2021: सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के विरोध से निपटने के लिए केंद्र को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह गतिरोध को हल करने के लिए भारत के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करेगी।
12 जनवरी 2021: सुप्रीम कोर्ट ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी।
26 जनवरी 2021: गणतंत्र दिवस पर किसानों ने ट्रैक्टर परेड बुलाई। ट्रैक्टर परेड के दौरान हजारों प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए। सिंघू और गाजीपुर के कई प्रदर्शनकारी दिल्ली के आईटीओ और लाल किले की ओर मार्च किया। जहां किसानों ने सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ की और पुलिस कर्मियों पर हमला किया। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने इसको लेकर केस चलाया।
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किसान आंदोलन के टूलकिट से लेकर देशव्यापी 'चक्का जाम तक
28 जनवरी 2021: दिल्ली के गाजीपुर सीमा पर तनाव तब बढ़ा। गाजियाबाद प्रशासन ने किसानों को रात में साइट खाली करने का निर्देश दिया था। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने वहां डेरा डाल और नहीं हटे। बीकेयू के राकेश टिकैत सहित उनके नेताओं ने कहा कि वह वहां से नहीं हटेंगे।
4 फरवरी, 2021: मोदी सरकार के विरोध में पॉप सिंगर रिहाना, जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और वकील-लेखक मीना हैरिस, अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी समेत कई लोगों ने ट्वीट किया।
5 फरवरी, 2021: दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम ने किसान आंदोलन के विरोध पर एक 'टूलकिट' के रचनाकारों के खिलाफ देशद्रोह, आपराधिक साजिश और घृणा को बढ़ावा देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। इस टूलकिट को जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने शेयर किया था।
6 फरवरी 2021: किसानों ने दोपहर 12 बजे से दोपहर 3 बजे तक तीन घंटे के लिए देशव्यापी 'चक्का जाम' या सड़क नाकाबंदी की। पंजाब और हरियाणा में कई सड़कों को बंद किया गया था।
9 फरवरी 2021: गणतंत्र दिवस हिंसा मामले में आरोपी पंजाबी अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिंधु को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया। 14 फरवरी 2021 को : दिल्ली पुलिस ने 21 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया। इनपर भी टूलकिट को कथित रूप से संपादित करने का आरोप था।

6 मार्च 2021 को किसान आंदोलन के पूरे हुए 100 दिन
-18 फरवरी 2021: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम),ने देशव्यापी 'रेल रोको' विरोध का आह्वान किया। देश भर के स्थानों पर ट्रेनों को रोक दिया गया, रद्द कर दिया गया और उनका मार्ग बदल दिया गया।
-02 मार्च 2021: शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और पार्टी के अन्य नेताओं को चंडीगढ़ पुलिस ने सेक्टर 25 से हिरासत में लिया गया।
-06 मार्च 2021: किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे हुए।
-8 मार्च 2021: सिंघू सीमा विरोध स्थल के पास गोलियां चलाई गईं। हालांकि कोई घायल नहीं हुआ है।
-15 अप्रैल 2021: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का अनुरोध किया।

किसानों ने मनाया ब्लैक डे
-26 अप्रैल 2021: दीप सिद्धू को दूसरी जमानत मिली।
- 27 मई 2021: किसानों ने छह महीने आंदोलन पूरा होने पर ब्लैक डे ('काला दिवस') और सरकार का पुतला जलाया।
- 5 जून 2021: प्रदर्शनकारी किसानों ने कृषि कानूनों की घोषणा के एक साल पूरे होने पर क्रांतिकारी दिवस मनाया।
-26 जून 2021: किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ सात महीने के विरोध के पूरे होने परदिल्ली तक मार्च निकाला। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने दावा किया कि विरोध के दौरान हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में किसानों को हिरासत में लिया गया था।
-जुलाई 2021: लगभग 200 किसानों ने तीन कृषि कानूनों की निंदा करते हुए संसद भवन के पास किसान संसद के समानांतर "मानसून सत्र" शुरू किया।
- 7 अगस्त 2021: 14 विपक्षी दल एक साथ संसद भवन में मिले और दिल्ली के जंतर मंतर पर किसानों के समर्थन में संसद का दौरा करने का फैसला किया।

19 नवंबर 2021 को पीएम मोदी ने तीन कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की
- 28 अगस्त 2021: हरियाणा पुलिस ने करनाल में किसानों पर कार्रवाई की। बस्तर टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज में कई किसान घायल हो गए थे। किसान वहां मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में आगामी पंचायत चुनावों पर भाजपा की बैठक का विरोध कर रहे थे।
-7 सितंबर- 9 सितंबर 2021: किसान भारी संख्या में करनाल पहुंचे और मिनी सचिवालय का घेराव कर विरोध किया।
-11 सितंबर 2021: किसानों और करनाल जिला प्रशासन के बीच पांच दिवसीय गतिरोध को खत्म को हरियाणा सरकार ने खत्म किया। सेवानिवृत्त न्यायाधीश के अधीन 28 अगस्त को किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज की जांच के लिए एक टीम बनाई गई।
- 18 अक्टूबर 2021: संयुक्त किसान मोर्चा ने 18 अक्तूबर को देशभर में रेल रोको विरोध किया। 18 अक्तूबर को देशभर में सुबह 10 से शाम 4 बजे तक रेल-पटरियों पर धरना प्रदर्शन किए गएं।
- 26 अक्टूबर 2021: लखनऊ महारैली से पहले कई छिटपुट विरोध प्रदर्शन किए गए।
19 नवंबर 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए हुए बताया कि उन्होंने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है।
- किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ''आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार एमसएपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।''